Delhi News: एक ताजा वैज्ञानिक अध्ययन ने महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। शोध के अनुसार, मिशनरी पोजीशन में शारीरिक संबंध बनाने वाली अधिकांश महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। यह अध्ययन जर्नल ऑफ वीमेन्स हेल्थ रिसर्च में प्रकाशित हुआ है और इसे कई विशेषज्ञ डॉक्टरों ने सत्यापित किया है।
अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष
इस शोध में दस हजार महिलाओं के डेटा का गहन विश्लेषण किया गया। नतीजे बताते हैं कि मिशनरी पोजीशन का अधिक इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का जोखिम निन्यानबे प्रतिशत अधिक पाया गया। अध्ययन में एचपीवी वायरस के संक्रमण को इसका प्रमुख कारण चिन्हित किया गया है। यह वायरस सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामलों के लिए जिम्मेदार होता है।
गर्भाशय ग्रीवा पर पड़ता है दबाव
इस पोजीशन के दौरान पुरुष का प्रवेश अधिक गहरा होता है। इस कारण गर्भाशय ग्रीवा की कोमल कोशिकाओं पर लगातार दबाव पड़ता रहता है। यह दबाव माइक्रोट्रॉमा यानी सूक्ष्म चोटें पैदा कर सकता है। समय के साथ यही चोटें कैंसरयुक्त कोशिकाओं में बदलने का कारण बन सकती हैं। यह एक धीमी और साइलेंट प्रक्रिया है।
एचपीवी वायरस का तेजी से प्रसार
अगर पुरुष साथी एचपीवी वायरस से संक्रमित है तो खतरा और बढ़ जाता है। गहरे प्रवेश के कारण यह वायरस सीधे गर्भाशय ग्रीवा तक आसानी से पहुंच जाता है। यह वायरस त्वचा से त्वचा के संपर्क से भी फैल सकता है, इसलिए कंडोम भी पूरी सुरक्षा नहीं दे पाते। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एचपीवी संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा जोखिम कारक है।
बचाव के उपाय और सलाह
डॉक्टर सुरक्षित यौन संबंध बनाने की सलाह देते हैं। कंडोम का सही तरीके से इस्तेमाल करने से एचपीवी समेत अन्य यौन रोगों के फैलने का खतरा कम हो जाता है। नियमित रूप से यौन रोगों की जांच करवाना भी जरूरी है। वैकल्पिक यौन मुद्राएं अपनाई जा सकती हैं जिनमें गर्भाशय ग्रीवा पर दबाव कम पड़ता है।
नियमित जांच है जरूरी
महिलाओं को नियमित रूप से पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए। यह टेस्ट हर तीन साल में किया जा सकता है। इससे गर्भाशय ग्रीवा में कोई असामान्य बदलाव होने पर शुरुआत में ही पता चल जाता है। एचपीवी का टीका (गार्डासिल 9) लगवाना भी एक प्रभावी सुरक्षात्मक उपाय है। यह टीका नौ प्रकार के खतरनाक एचपीवी वायरस से सुरक्षा प्रदान करता है।
खतरे के संकेतों को पहचानें
शरीर में दिखने वाले कुछ लक्षण सतर्क होने का संकेत दे सकते हैं। मासिक धर्म के अलावा किसी भी तरह का रक्तस्राव होना चिंता का विषय है। संबंध बनाने के बाद खून आना भी एक गंभीर लक्षण है। पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द बना रहना या संबंध के दौरान तेज दर्द होना भी असामान्य है। योनि से सफेद, पीले या हरे रंग का दुर्गंधयुक्त स्राव होना भी डॉक्टर को दिखाने का कारण है।
