National News: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की सितंबर रिपोर्ट ने दवा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा की है। रिपोर्ट के अनुसार देशभर में 112 दवाओं के नमूने गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे। इनमें तीन कफ सिरप भी शामिल हैं जिनमें से एक नकली पाया गया।
ये दवाएं गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोग होती हैं। दिल, कैंसर, मधुमेह और हाई बीपी की दवाएं शामिल हैं। दमा, संक्रमण, दर्द और सूजन की दवाएं भी फेल हुई हैं। अनीमिया और मिर्गी की दवाओं के नमूने भी मानकों पर खरे नहीं उतरे।
राज्यवार फेल दवाओं का विवरण
हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक 49 दवाएं फेल पाई गईं। गुजरात में 16 दवाओं के नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे। उत्तराखंड में 12 और पंजाब में 11 दवाएं फेल हुईं। मध्य प्रदेश में छह दवाओं के नमूने असफल रहे।
सिक्किम, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से तीन-तीन दवाएं फेल हुईं। कर्नाटक और महाराष्ट्र से दो-दो दवाओं के नमूने खराब पाए गए। बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर से एक-एक दवा फेल हुई।
कफ सिरप में गंभीर खामियां
दो कफ सिरप हरिद्वार और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में बने हैं। तीसरा कफ सिरप बेस्टो-कफ ड्राई कफ फार्मूला है। यह सूखी खांसी के इलाज में उपयोग होता है। छत्तीसगढ़ से एक नकली दवा का मामला सामने आया।
इसमें एक अनधिकृत निर्माता ने अन्य कंपनी का ब्रांड नाम इस्तेमाल किया। केंद्रीय दवा प्रयोगशाला की जांच में 52 नमूने फेल हुए। राज्य स्तर पर 60 दवाओं के घटिया होने की पुष्टि हुई। अधिकारियों ने कहा कि समस्या केवल जांचे गए बैच तक सीमित है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सभी राज्य नियामकों के सहयोग से कार्रवाई जारी है। बाजार से इन दवाओं को हटाने का काम चल रहा है। हिमाचल प्रदेश के राज्य दवा नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने बताया कि अधिकांश दवाओं में मामूली खामियां हैं।
उन्होंने कहा कि मामूली खामियों को तुरंत ठीक करवाया जाएगा। बड़ी खामियों वाली दवाओं के लिए कारण बताओ नोटिस जारी होंगे। यह नियमित जांच प्रक्रिया का हिस्सा बताया गया है। घटिया और नकली दवाओं को बाजार से हटाया जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में निर्मित तीन मिलावटी कफ सिरप की पहचान की है। कोल्ड्रिफ कफ सिरप भी इनमें शामिल है। संगठन ने चेतावनी दी कि ये दवाएं बच्चों के लिए जानलेवा हो सकती हैं।
पांच साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं देनी चाहिए। मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से 23 बच्चों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
दवा निर्माताओं पर नजर
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि गुणवत्ता विफलता केवल जांच किए गए बैच तक सीमित है। अन्य बैच प्रभावित नहीं हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से दवा गुणवत्ता पर कड़ी नजर रखने को कहा है।
जनस्वास्थ्य सुरक्षित करने के लिए समय पर कार्रवाई की जा रही है। दवा निर्माताओं पर सख्त निगरानी बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के उपाय किए जा रहे हैं।
