शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

सीबीएसई 2026-27 से शुरू करेगा ओपन बुक परीक्षा, रटने की जगह समझ पर दिया जाएगा जोर; जानें यह क्या होता है

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India News: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सत्र 2026-27 से ओपन बुक असेसमेंट शुरू करेगा। छात्र परीक्षा में किताबें, नोट्स और लाइब्रेरी की किताबें इस्तेमाल कर सकेंगे। इसका मकसद रटने की बजाय समझ, विश्लेषण और क्रिटिकल थिंकिंग को बढ़ावा देना है। दिसंबर 2023 की पायलट स्टडी और शिक्षकों के सकारात्मक रुख के बाद यह फैसला लिया गया। मुख्य विषयों में यह लागू होगा।

ओपन बुक परीक्षा का उद्देश्य

सीबीएसई का यह कदम छात्रों की रटने की आदत को खत्म करेगा। ओपन बुक असेसमेंट में किताबें और नोट्स देखने की अनुमति होगी। इससे छात्रों में विश्लेषण और क्रिटिकल थिंकिंग की क्षमता बढ़ेगी। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (NCFSE) के अनुसार, यह तरीका समझने और उपयोग करने पर केंद्रित है। बोर्ड का मानना है कि यह शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाएगा। छात्रों को किताबों का सही उपयोग करना सीखना होगा।

पायलट स्टडी के नतीजे

दिसंबर 2023 में सीबीएसई ने 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए पायलट स्टडी शुरू की थी। इसमें छात्रों के अंक 12 से 47 प्रतिशत के बीच रहे। अध्ययन से पता चला कि छात्रों को किताबों और नोट्स का उपयोग करने में कठिनाई हुई। फिर भी, शिक्षकों ने इस पहल को सराहा। उनका मानना है कि यह छात्रों में गहन सोच को बढ़ावा देगा। इस सकारात्मक प्रतिक्रिया ने बोर्ड को यह निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया।

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पहले भी हुआ था प्रयोग

सीबीएसई ने 2014 में ओपन टेक्स्ट बेस्ड असेसमेंट (OTBA) शुरू किया था। इसे 9वीं कक्षा के लिए हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में लागू किया गया। मकसद रटने की आदत को कम करना था। हालांकि, 2017-18 में इसे बंद कर दिया गया। बोर्ड का कहना था कि यह क्रिटिकल थिंकिंग विकसित करने में असफल रहा। अब नया प्रयोग अधिक तैयारी के साथ शुरू होगा।

अब क्या होंगे कदम

सीबीएसई अब ओपन बुक परीक्षा के लिए सैंपल पेपर तैयार करेगा। मुख्य विषयों जैसे भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में यह लागू होगा। बोर्ड शिक्षकों को प्रशिक्षण भी देगा। इससे छात्रों को किताबों का उपयोग करने की आदत डाली जाएगी। पायलट स्टडी की चुनौतियों को ध्यान में रखकर सुधार किए जाएंगे। इसका लक्ष्य शिक्षा को अधिक व्यावहारिक और उपयोगी बनाना है।

शिक्षकों का सकारात्मक रुख

शिक्षकों ने ओपन बुक असेसमेंट को लेकर उत्साह दिखाया है। उनका मानना है कि यह छात्रों को रटने से रोकेगा। यह तरीका विश्लेषण और समझने की क्षमता को बढ़ाएगा। शिक्षकों का कहना है कि सही मार्गदर्शन से छात्र इसका लाभ उठा सकेंगे। बोर्ड भी शिक्षकों की राय को महत्व दे रहा है। यह पहल शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने की दिशा में बड़ा कदम है।

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चुनौतियां और समाधान

पायलट स्टडी में कुछ चुनौतियां सामने आईं। छात्रों को किताबों का उपयोग करने में दिक्कत हुई। उनके अंक अपेक्षा से कम रहे। बोर्ड अब इन कमियों को दूर करने पर काम करेगा। सैंपल पेपर और प्रशिक्षण से छात्रों को तैयार किया जाएगा। शिक्षकों को भी नई तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे ओपन बुक परीक्षा को प्रभावी बनाया जा सकेगा।

भविष्य की उम्मीदें

सीबीएसई का यह कदम शिक्षा में क्रांति ला सकता है। ओपन बुक परीक्षा से छात्रों की सोच बदलेगी। वे किताबों को रटने की जगह समझने पर ध्यान देंगे। बोर्ड का मानना है कि यह तरीका छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करेगा। क्रिटिकल थिंकिंग और विश्लेषण की क्षमता उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी। यह शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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