Delhi News: राजधानी में भ्रष्टाचार के खिलाफ CBI ने बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने एमसीडी (MCD) के दो कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों को 2 लाख रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। यह मामला शाहदरा जोन का है। CBI की इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है।
रिश्वत लेते ऐसे धरे गए अफसर
CBI ने जाल बिछाकर असिस्टेंट इंजीनियर आशीष सिवाच और बेलदार महेश कुमार को गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता ने एजेंसी को बताया था कि उससे पैसों की मांग की जा रही है। शिकायत मिलने के बाद CBI ने 22 दिसंबर 2025 को मामला दर्ज किया। योजना के तहत जैसे ही आरोपियों ने पैसे लिए, टीम ने उन्हें दबोच लिया।
क्लोजर रिपोर्ट के नाम पर सौदा
जांच में सामने आया कि मामला एक बिल्डिंग से जुड़ा था। एमसीडी ने इस बिल्डिंग को बुक किया था। इसकी क्लोजर रिपोर्ट तैयार करने के बदले 2 लाख रुपये मांगे गए थे। बेलदार महेश कुमार ने यह रकम असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर की तरफ से मांगी थी। CBI अब यह जांच कर रही है कि इस खेल में और कौन शामिल है।
शिमला में ईडी अफसर पर CBI का शिकंजा
दूसरी तरफ, CBI ने शिमला में भी भ्रष्टाचार पर प्रहार किया है। ईडी (ED) के तत्कालीन असिस्टेंट डायरेक्टर विशाल दीप के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन पर आय से अधिक संपत्ति जमा करने का आरोप है। इस मामले में उनके भाई विकास दीप को भी आरोपी बनाया गया है। विकास दीप पंजाब नेशनल बैंक में सीनियर मैनेजर हैं।
भाई की मदद से बनाई काली कमाई
CBI की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। विशाल दीप ने मार्च 2024 से दिसंबर 2024 के बीच अपनी आय से कई गुना ज्यादा संपत्ति बनाई। आरोप है कि उनके भाई विकास दीप ने इसमें उनकी मदद की। यह एफआईआर अगस्त 2025 में हुई एक प्रारंभिक जांच के बाद दर्ज की गई है। CBI की एंटी करप्शन ब्रांच चंडीगढ़ मामले की जांच कर रही है।
