शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

CBI अधिकारी बयान बदलने के लिए कर रहा टॉर्चर, गला भी दबाया; पूर्व प्रधान ने लगाए गंभीर आरोप; जानें क्या है चिट्टे से जुड़ा मामला

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Mandi News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बल्ह इलाके के पूर्व प्रधान गिरधारी लाल ने सीबीआई के एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अधिकारी ने उन्हें जबरन बयान बदलने के लिए मजबूर किया और उनका गला दबाने का प्रयास भी किया। इस शिकायत पर अब शिमला पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

पूर्व प्रधान गिरधारी लाल चिट्टा तस्करी के एक संवेदनशील मामले में मुख्य गवाह हैं। उन्होंने बताया कि सीबीआई अधिकारी ने उन्हें बार-बार बुलाया और टॉर्चर किया। अधिकारी चाहता था कि गिरधारी अपना बयान बदल कर यह कहें कि पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती गवाह बनाया था। गिरधारी के अनुसार, वह और कृष्ण चंद स्वेच्छा से मौके पर मौजूद थे।

गला दबाने का प्रयास

गिरधारीलाल ने विस्तार से बताया कि 30 सितंबर को सीबीआई कार्यालय में क्या हुआ। उनके अनुसार, अधिकारी ने न केवल उन्हें धमकाया बल्कि उनका गला पकड़कर दबाने का प्रयास भी किया। यह घटना उनके लिए डरावना अनुभव थी। उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत एसपी शिमला को लिखित में सौंप दी।

चिट्टा तस्करी का पूरा मामला

यह पूराविवाद मार्च 2024 में हुई एक घटना से जुड़ा है। रिवालसर पुलिस ने सिध्याणी गांव के पास तीन तस्करों को 287 ग्राम चिट्टे के साथ पकड़ा था। बाद में तस्करों के परिजनों ने पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाया। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। गिरधारी लाल इसी जांच के दौरान गवाह हैं।

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गिरधारी लाल का कहना है कि सीबीआई अधिकारी उनसे गलत बयान दिलवाना चाहता है। अधिकारी चाहता है कि वह कहे कि पुलिस ने उन्हें घर से उठाकर गवाह बनाया। लेकिन गिरधारी इससे इनकार करते हैं। वह कहते हैं कि वह वास्तव में मौके पर मौजूद थे और उन्होंने सच्चाई बताई है।

शिमला पुलिस की जांच

शिमलाके एसपी संजीव गांधी ने इस शिकायत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि गिरधारी लाल की शिकायत गंभीर है और इस पर कार्रवाई हो रही है। पुलिस यह जांच करेगी कि क्या सीबीआई ने नियमों के तहत सीसीटीवी निगरानी में पूछताछ की थी। इससे पूरे मामले में स्पष्टता आएगी।

एसपी गांधी ने कहा कि अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक मामला दर्ज नहीं किया गया है। हालांकि, शिकायत मिलते ही जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस सभी पहलुओं पर गौर कर रही है और जल्द ही सही तथ्य सामने आएंगे।

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गिरधारी लाल ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिलता है तो वह आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाओं से आम लोगों का पुलिस और कानूनी प्रक्रिया पर से विश्वास उठ जाएगा। भविष्य में कोई भी व्यक्ति गवाह बनने से डरेगा।

यह मामला भारतीय जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। एक सीबीआई अधिकारी पर लगे ये गंभीर आरोप संवैधानिक मूल्यों के लिए चुनौती हैं। पूरा मामला तब और गंभीर हो जाता है जब एक पूर्व प्रधान जैसे सार्वजनिक व्यक्ति पर दबाव डाला जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश पुलिस और सीबीआई के बीच यह टकराव राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है। जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा और निष्पक्ष जांच की मांग इस मामले का मुख्य बिंदु है। अब देखना यह है कि शिमला पुलिस की जांच किस नतीजे पर पहुंचती है।

गिरधारी लाल की शिकायत ने राज्य के राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। स्थानीय नेता न्याय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि गवाहों को डराने-धमकाने की कोशिश लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। यह मामला आगे क्या मोड़ लेता है, यह समय के साथ स्पष्ट होगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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