Shimla News: हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मृत्यु की सीबीआई जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शिमला के सदर थाने की सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि नेगी के शव से बरामद पेन ड्राइव का डाटा जानबूझकर हटाया गया था। यह कार्यवाही मामले में महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने के इरादे से की गई प्रतीत होती है।
सीबीआई ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है। एजेंसी ने थाने की सभी डिजिटल रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी फुटेज का विस्तृत विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण से ही डाटा को डिलीट किए जाने का पता चला। एजेंसी ने इस घटना को एक बड़ी बाधा माना है।
डिजिटल फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने मिटाए गए डाटा को पुनर्प्राप्त करने का प्रयास किया है। उन्हें सीसीटीवी फुटेज और अन्य बैकअप से कुछ सुराग मिले हैं। यह साक्ष्य जांच को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। तकनीकी जांच अब भी जारी है।
माना जा रहा है कि पेन ड्राइव में नेगी के काम और निजी जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। इस डाटा के नष्ट होने से यह संदेह पैदा होता है कि मौत एक साधारण दुर्घटना नहीं हो सकती। संभावित साजिश का पता लगाना जांच का मुख्य है।
सीबीआई की टीम लगातार इस मामले की हर अनुसरण करना को कर रही है। नए सबूत मिलने से जांच में तेजी आई है। एजेंसी को उम्मीद है कि जल्द ही इस रहस्य से पर्दा उठेगा। सच सामने आने से न्याय सुनिश्चित हो सकेगा।
सदर पुलिस थाने के कर्मचारियों और अधिकारियों की भूमिका पर अब गहन सवाल उठ रहे हैं। सीबीआई द्वारा डाटा हटाए जाने में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। एजेंसी ने कहा है कि दोषी पाए गए व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले ने डिजिटल सबूतों के सुरक्षित रखरखाव की आवश्यकता को रेखांकित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं जांच प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं। हालांकि, आधुनिक तकनीक की मदद से मिटाए गए डाटा को कई बार बहाल किया जा सकता है।
