शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

CBI जांच: जम्मू-कश्मीर में कांस्टेबल की यातना मामले में छह पुलिसकर्मी गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

Share

Jammu and Kashmir News: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जम्मू-कश्मीर के छह पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया। इन पर कांस्टेबल खुर्शीद अहमद चौहान को हिरासत में यातना देने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीर बताते हुए CBI जांच का निर्देश दिया। साथ ही, पीड़ित को 50 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश भी दिया। यह घटना 2023 में कुपवाड़ा के JIC में हुई थी।

सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख

सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को CBI को इस मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने इसे “आत्मा को झकझोर देने वाला” बताया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि कांस्टेबल को गंभीर चोटें दी गईं। उनके गुप्तांगों पर हमला हुआ और बिजली के झटके दिए गए। कोर्ट ने इसे अनुच्छेद 21 का उल्लंघन माना।

कांस्टेबल की यातना की कहानी

खुर्शीद अहमद को 20 फरवरी 2023 को कुपवाड़ा के JIC में हिरासत में लिया गया। उनकी पत्नी ने शिकायत की कि छह दिनों तक उन्हें अमानवीय यातनाएं दी गईं। आरोप है कि उनके गुप्तांगों को काटा गया, लोहे की रॉड डाली गई और मिर्च पाउडर डाला गया। उन्हें बिजली के झटके भी दिए गए। इस दौरान कोई रिश्तेदार उनसे नहीं मिल सका।

यह भी पढ़ें:  Avadi Guduvanchery Rail Line DPR: 12 साल बाद DPR तैयार, 945 करोड़ की लागत से बनेगी लाइन

गिरफ्तार पुलिसकर्मियों के नाम

CBI ने छह पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया, जो JIC कुपवाड़ा में तैनात थे। इनमें DSP एजाज अहमद नायको, SI रियाज अहमद, जहांगीर अहमद, इम्तियाज अहमद, मोहम्मद यूनिस और शाकिर अहमद शामिल हैं। CBI ने जांच के लिए विशेष जांच दल बनाया है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद हुई।

मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा

शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की मेडिकल रिपोर्ट में खुर्शीद की गंभीर चोटें दर्ज हैं। उनके गुप्तांगों का पूर्ण विच्छेदन हुआ, दोनों टेस्टिकल्स हटाए गए। उनके शरीर पर कई जगह फ्रैक्चर और चोटें थीं। मलाशय में मिर्च और वनस्पति कण भी पाए गए। यह रिपोर्ट यातनाओं की भयावहता को दर्शाती है।

पुलिस की भूमिका पर सवाल

खुर्शीद की पत्नी ने आरोप लगाया कि SSP कुपवाड़ा इस घटना के दौरान मूकदर्शक रहे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने खुर्शीद को अधमरी हालत में छोड़ा। लोगों के हंगामे के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। CBI जांच में इस बात की भी पड़ताल हो रही है कि पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की।

यह भी पढ़ें:  बजाज फाइनेंस का 'अर्थसूत्र संवाद': हरियाणा में बढ़ाएगा वित्तीय साक्षरता, सोनीपत में हुआ कार्यक्रम

सुप्रीम कोर्ट का मुआवजा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को खुर्शीद को 50 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि यह राशि दोषी अधिकारियों से वसूली जाएगी। साथ ही, CBI को 10 नवंबर 2025 तक जांच की स्थिति रिपोर्ट सौंपने को कहा गया। यह फैसला पीड़ित को राहत देने के लिए है।

JIC कुपवाड़ा में यातना

यह घटना फरवरी 2023 में JIC कुपवाड़ा में हुई। खुर्शीद को नशीले पदार्थों के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। बिना FIR के उन्हें छह दिन हिरासत में रखा गया। इस दौरान उन्हें गंभीर यातनाएं दी गईं। सुप्रीम कोर्ट ने इसे पुलिस की संस्थागत विफलता बताया।

CBI की जांच की प्रगति

CBI ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई शुरू की। विशेष जांच दल ने छह पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि पुलिस ने पीड़ित के खिलाफ आत्महत्या का झूठा मामला क्यों दर्ज किया। सुप्रीम कोर्ट ने जांच को तीन महीने में पूरा करने का आदेश दिया है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News