Shimla News: हिमाचल प्रदेश के एक चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत की जांच में सीबीआई को बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई ने अदालत में पेश रिपोर्ट में कहा है कि सबूत मिटाने के लिए शिमला के सदर थाने में जब्त की गई पेन ड्राइव का डाटा जानबूझकर डिलीट किया गया। थाने की सीसीटीवी फुटेज से इसके सबूत मिले हैं।
सीबीआई के अनुसार एएसआई पंकज शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने यह कार्यवाई की। वह नेगी को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले लोगों को बचाना चाहते थे। पेन ड्राइव को 15 अप्रैल को एसआईटी ने जब्त किया था और फोरेंसिक जांच में इसके फॉर्मेट होने की पुष्टि हुई है।
जांच एजेंसी का मानना है कि विमल नेगी को उकसाने के मामले में एक से ज्यादा लोग शामिल हैं। सीबीआई ने एएसआई पंकज के मोबाइल फोन के डाटा की भी जांच की है। इस जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि पंकज शर्मा जांच में पूरा सहयोग नहीं दे रहे हैं। पेन ड्राइव में क्या डाटा था और उसे डिलीट करने से पहले वह डाटा कहां रखा गया, इसकी जानकारी हासिल करना जरूरी है। एएसआई लगातार अपना बयान बदल रहे हैं।
एएसआई पंकज शर्मा ने दिल्ली में जांच के दौरान नार्को टेस्ट कराने के लिए लिखित सहमति दी थी। लेकिन बाद में अदालत के सामने उन्होंने इस टेस्ट से इनकार कर दिया। सीबीआई का कहना है कि वह जांच प्रक्रिया में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं।
मामला 18 मार्च का है जब मछुआरों को सतलुज नदी में विमल नेगी का शव मिला। मछुआरों ने स्वारघाट पुलिस को इसकी सूचना दी। एएसआई पंकज शर्मा मौके पर पहुंचे और मछुआरे के पर्स से नकदी, ड्राइविंग लाइसेंस और एक पेन ड्राइव बरामद हुई।
नकदी और लाइसेंस तलाई पुलिस स्टेशन के स्टाफ को सौंप दिया गया। लेकिन पेन ड्राइव नहीं दी गई। सीबीआई की जांच में यह बात सामने आई है। इस पेन ड्राइव में महत्वपूर्ण जानकारी होने का संदेह है।
सीबीआई अब इस बात की पड़ताल कर रही है कि पेन ड्राइव का डाटा क्यों मिटाया गया। एजेंसी थाने की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग और मोबाइल डाटा के आधार पर और सबूत जुटा रही है। इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
