New Delhi News: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर चल रहे साइबर फ्रॉड नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार को सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र-V के तहत देश के छह राज्यों में एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल में करीब 40 ठिकानों पर की गई।
यह गिरोह खुद को पुलिस और सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देता था। डरा धमकाकर यह गिरोह लोगों से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवाता था। अब तक कई लोग इस ठगी का शिकार हो चुके हैं और करोड़ों रुपये गंवा चुके हैं।
कैसे काम करता था साइबर फ्रॉड नेटवर्क?
यह गिरोह पीड़ितों को फोन करके खुद को पुलिस अधिकारी या जांच एजेंसी का अधिकारी बताता था। वे लोगों को किसी झूठे मामले में फंसाने की धमकी देते थे। इसके बाद वे पीड़ितों से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने को कहते थे। कई मामलों में उन्होंने लोगों के बैंक खाते खाली कर दिए।
जांच में पता चला कि इस नेटवर्क से करीब 40 लोग जुड़े हुए थे। ये सभी देश के अलग-अलग हिस्सों में फैले हुए थे। गिरोह के सदस्य म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे। ये खाते दूसरों के नाम पर खोले जाते थे।
कैसे हुई थी शिकायत और जांच?
सीबीआई ने यह मामला गृह मंत्रालय के आई4सी के एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के आधार पर दर्ज किया था। कुल नौ अलग-अलग शिकायतें इस पोर्टल पर दर्ज की गई थीं। एजेंसी ने बैंक खातों और फोन कनेक्शनों की गहन जांच की।
जांच में 15 हजार से अधिक आईपी एड्रेस का विश्लेषण किया गया। इस विश्लेषण से पता चला कि गिरोह विदेश में बैठकर भारतीय नागरिकों को निशाना बना रहा था। ठगी का पैसा हवाला नेटवर्क के जरिए विदेश भेजा जाता था।
पैसे का क्या होता था?
ठगी से प्राप्त पैसे का कुछ हिस्सा भारत में ही नकद निकाल लिया जाता था। शेष रकम कंबोडिया जैसे देशों से जुड़े विदेशी एटीएम से निकाली जाती थी। इस तरह गिरोह पैसे का लेनदेन करता था। सीबीआई ने इस पूरे नेटवर्क को उजागर किया है।
छापेमारी के दौरान एजेंसी ने कई महत्वपूर्ण सबूत जब्त किए हैं। इनमें डिजिटल डिवाइस, केवाईसी दस्तावेज, सिम कार्ड और व्हाट्सएप चैट्स शामिल हैं। इन सबूतों की अब विस्तृत जांच की जा रही है।
सीबीआई की क्या है भविष्य की योजना?
सीबीआई का कहना है कि एजेंसी साइबर ठगी और ऑनलाइन फ्रॉड जैसे अपराधों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। वह अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। ऐसे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की कोशिश जारी है।
एजेंसी लोगों से सतर्क रहने की अपील करती है। अगर कोई संदिग्ध फोन आए तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। बिना जांचे किसी को पैसे ट्रांसफर न करें। सरकारी अधिकारी कभी फोन पर पैसे मांगने की मांग नहीं करते।
