Kerala High Court: केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को वकीलों के बारे में कुछ मौखिक टिप्पणियां कीं। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि कानूनी पेशा समाज की सेवा है और उन्हें इसे पैसा कमाने का जरिया नहीं मानना चाहिए।
जस्टिस देवन रामचंद्रन की पीठ ने क्या कुछ कहा?
जस्टिस देवन रामचंद्रन की पीठ ने कहा कि कानूनी सेवा के लिए घंटे के हिसाब से शुल्क लेना एक गलत धारणा है और केरल में निश्चित रूप से इसका चलन नहीं है। उन्होंने कहा,
आप इंटरनेट पर पढ़ने के बाद यहां आते हैं कि अमेरिकी और सभी क्या कर रहे हैं। हम घंटे के हिसाब से काम नहीं करते। हमारे लिए यह पेशा अभी भी सेवा है। कानून को एटीएम की तरह नहीं देखा जा सकता। जो ऐसा समझते हैं, वे दुखद रूप से एवं पूर्ण रूप से गलत हैं।’
‘हर दिन देखने के लिए 200-250 मामले…’
उन्होंने कहा कि आपको क्या लगता है कि सरकारी वकील कितने घंटे खपा रहे हैं? उनमें से कई लोग रात में सोते नहीं हैं, क्योंकि मेरी अदालत में उनके पास हर दिन देखने के लिए 200-250 मामले होते हैं। हम घंटे के हिसाब से काम नहीं करते। पैसा एक ऐसी चीज है जो आपके पास तभी आएगी जब आप बेहतर काम करेंगे। आपको समय और धैर्य की जरूरत है।