Chandigarh News: केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) की चंडीगढ़ बेंच ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी की याचिका खारिज कर दी है। अधिकारी ने अपने श्रीनगर ट्रांसफर पर रोक लगाने की मांग की थी। ट्रिब्यूनल ने केंद्र सरकार की दलीलों को मानते हुए फैसला सुनाया कि ट्रांसफर सरकारी सेवा का अभिन्न हिस्सा है।
अधिकारी ने दी थी स्वास्थ्य और पारिवारिक कारण
जूनियर इंटेलिजेंस अधिकारी निर्मल सिंह चौहान ने स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला दिया था। उन्होंने बताया कि उन्हें रीढ़ से जुड़ी गंभीर बीमारी है। उनका इलाज पीजीआई चंडीगढ़ में चल रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर जैसी पहाड़ी जगह पर तैनाती उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगी।
पारिवारिक परिस्थितियों का भी किया था जिक्र
चौहान ने पारिवारिक कठिनाइयों का भी उल्लेख किया था। उनकी पत्नी का 2022 में निधन हो गया था। वह अपने दो वयस्क बच्चों की अकेले देखभाल कर रहे हैं। उन्होंने दलील दी कि ट्रांसफर से उन्हें असहनीय पारिवारिक कठिनाई होगी। इस आधार पर उन्होंने ट्रांसफर रोकने की मांग की थी।
सरकार ने प्रशासनिक आवश्यकता बताई
केंद्र सरकार और आईबी अधिकारियों की ओर से पेश हुए एडवोकेट संजय गोयल ने ट्रांसफर को वार्षिक सामान्य स्थानांतरण योजना का हिस्सा बताया। उन्होंने इसे प्रशासनिक आवश्यकता बताया। सरकार की ओर से कहा गया कि सितंबर 2024 में चंडीगढ़ के भीतर ही उनका आंतरिक ट्रांसफर किया गया था।
सरकार ने स्वास्थ्य दलीलों को किया कमजोर
सरकार ने बताया कि चौहान ने मेडिकल लीव लेकर आंतरिक ट्रांसफर टाल दिया था। सरकार ने उनकी स्वास्थ्य संबंधी दलीलों को कमजोर बताया। उन्होंने कहा कि चौहान का पहली मंजिल पर घर है और वह कार चलाते हैं। वह अक्सर हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी गांव भी जाते हैं।
ट्रिब्यूनल ने फिटनेस सर्टिफिकेट को किया महत्वपूर्ण
ट्रिब्यूनल ने पाया कि चौहान ने 24 जनवरी को पीजीआई से फिटनेस सर्टिफिकेट लिया था। इस सर्टिफिकेट में उन्हें ड्यूटी के लिए फिट बताया गया था। साथ ही 2012 में आईबी में ज्वाइन करते समय उन्होंने आल इंडिया सर्विस लायबिलिटी स्वीकार की थी। इस आधार पर याचिका खारिज हो गई।
