Himachal News: शिमला जिले के कुपवी थाना क्षेत्र में एक दलित युवक के साथ मारपीट और जातिगत अपमान का मामला सामने आया है। पीड़ित सुरेंद्र कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि गांव के पांच लोगों ने उनका रास्ता रोककर मारपीट की।
घटना तीन नवंबर की शाम की है जब सुरेंद्र कुमार अपने घर लौट रहे थे। आरोपियों ने उन्हें जातिसूचक गालियां दीं और जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सभी आरोपी गांव ढोटाली के निवासी हैं।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
कुपवी पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) और 3(1)(एस) भी लागू की गई है। यह धाराएं जातिगत अपमान और धमकियों से संबंधित हैं। पुलिस ने आरोपियों की पहचान की है।
आरोपियों के नाम श्याम सिंह, अखिल, सुशील, कपिल और गोविंद हैं। सभी गांव ढोटाली के ही रहने वाले हैं। पुलिस ने बताया कि वह सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
घटना का क्रम
शिकायत के अनुसार सुरेंद्र कुमार गांव ढोटाली में अपने घर लौट रहे थे। तभी पांच युवकों ने उनका रास्ता रोक लिया। उन्होंने उनके साथ मारपीट की और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। आरोपियों ने जान से मारने की धमकी भी दी।
पीड़ित ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया। एससी/एसटी एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है। पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और सबूत एकत्र कर रही है।
कानूनी प्रावधान
भारतीय न्याय संहिता की धारा 126(2) हिंसा और मारपीट से संबंधित है। धारा 115(2) जान से मारने की धमकी के लिए है। धारा 191(2) और 190 भी इस मामले में लागू की गई हैं। एससी/एसटी एक्ट की धाराएं विशेष रूप से अनुसूचित जाति के सदस्यों के खिलाफ अपराधों के लिए हैं।
पुलिस ने धारा 351(2) और 352 भी लागू की है जो आपराधिक बल और हमले से संबंधित हैं। यह कानूनी प्रावधान गंभीर अपराधों की श्रेणी में आते हैं। पुलिस का कहना है कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।
स्थानीय प्रतिक्रिया
इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। स्थानीय निवासी इस घटना से आश्चर्यचकित हैं। गांव वालों ने पुलिस से न्याय की मांग की है। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में रुचि दिखाई है।
पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि कानून अपना काम करेगा। पीड़ित को हर संभव कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है। पुलिस मामले की नियमित समीक्षा कर रही है।
