India News: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर कैश फॉर क्वेरी मामले में सीबीआई ने लोकपाल को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है। आरोप है कि मोइत्रा ने एक कारोबारी से पैसे और उपहार लेकर संसद में सवाल पूछे। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के बाद यह मामला सामने आया। लोकपाल अब इस मामले में आगे की कार्रवाई तय करेगा। मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सीबीआई ने दर्ज की थी प्राथमिकी
पिछले साल 21 मार्च को सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत महुआ मोइत्रा और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप लगाया गया कि मोइत्रा ने रिश्वत और अनुचित लाभ लिया। उन्होंने अपने लोकसभा लॉगिन क्रेडेंशियल्स साझा कर संसदीय विशेषाधिकारों से समझौता किया। सीबीआई ने अपनी जांच पूरी कर लोकपाल को रिपोर्ट सौंपी है।
लोकसभा से निष्कासन और कानूनी लड़ाई
महुआ मोइत्रा को दिसंबर 2023 में “अनैतिक आचरण” के लिए लोकसभा से निष्कासित किया गया था। उन्होंने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मोइत्रा ने आरोप लगाया कि उन्हें जवाब देने का मौका नहीं दिया गया। 2024 के आम चुनाव में उन्होंने बीजेपी की अमृता रॉय को हराकर कृष्णानगर सीट बरकरार रखी। वह वर्तमान में टीएमसी सांसद हैं।
आरोपों की शुरुआत और जांच
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और एक सुप्रीम कोर्ट वकील की शिकायत पर लोकपाल ने जांच शुरू की। आरोप है कि मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार लेकर गौतम अडानी और पीएम मोदी के खिलाफ सवाल पूछे। सीबीआई की प्रारंभिक जांच के बाद लोकपाल ने गहन जांच के आदेश दिए। अब लोकपाल इस मामले में अगला कदम तय करेगा।
