New Delhi News: भारत और कनाडा ने पिछले दो वर्षों से रिश्तों में चल रहे तनाव को दूर करते हुए भविष्य में सहयोग का एक महत्वाकांक्षी रोडमैप बनाया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत दौरे पर आईं कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद की बैठक में यह फैसला हुआ। दोनों देशों ने व्यापार व निवेश पर मंत्रिस्तरीय वार्ता को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, ऊर्जा क्षेत्र में विशेष मंत्रीस्तरीय वार्ता शुरू होगी, जिसका ध्यान नवीकरणीय ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों पर रहेगा। विज्ञान व प्रौद्योगिकी में संयुक्त सहयोग समिति भी फिर से स्थापित की जाएगी।
बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता में मजबूत साझेदारी
जयशंकर और आनंद के बीच हुई इस बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी हुआ। दोनों देशों ने कहा कि बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता के मद्देनजर भारत और कनाडा के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध बहुत जरूरी हैं। जयशंकर ने आनंद का स्वागत करते हुए कहा कि, “पिछले कुछ महीनों से भारत और कनाडा के संबंधों में तेजी से सुधार आया है।” उन्होंने आगे बताया कि साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी तंत्रों को बहाल करने पर काम चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कननास्किस में प्रधानमंत्री कार्नी के साथ अपनी मुलाकात में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की बात कही थी। आज की बैठक में दोनों पक्षों ने व्यापार, निवेश, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सिविल न्यूक्लियर सहयोग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, महत्वपूर्ण खनिज और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है।
कनाडा ने भारत के सहयोग पर जताया आभार
कनाडा की मंत्री अनीता आनंद ने कहा कि कनाडा भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आपसी संबंधों को लेकर भारत के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। आनंद ने हाल ही में सुरक्षा को लेकर दोनों देशों के बीच हुई बातचीत को काफी उपयोगी बताया।
निज्जर विवाद के बाद सुधार की राह पर संबंध
इससे पहले, कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की सरकार द्वारा भारतीय एजेंसियों व सरकार पर कनाडाई नागरिकों की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाने के बाद दोनों देशों के संबंध बहुत खराब हो गए थे। तब कनाडा सरकार ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को दोषी ठहराया था। निज्जर की हत्या कनाडा में हुई थी। भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था और इसे राजनीति से प्रेरित बताया था। नए प्रधानमंत्री कार्नी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच कननास्किस (कनाडा) में जून, 2025 में द्विपक्षीय मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में संबंधों को सामान्य बनाने पर सहमति बनी थी।
ऊर्जा और व्यापार क्षेत्र में उत्साह
उस मुलाकात के बाद दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और वाणिज्य मंत्रियों के बीच अलग-अलग बैठकें हो चुकी हैं। सोमवार को विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद इसमें और तेजी आने की उम्मीद है। संयुक्त बयान से यह साफ है कि ट्रंप प्रशासन की शुल्क नीति से भारत और कनाडा दोनों को आपसी कारोबार व निवेश बढ़ाने में फायदा दिख रहा है। विदेश मंत्री ने अपने भाषण में भी इसका उल्लेख किया और यह संयुक्त बयान में भी शामिल है। ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को लेकर दोनों देश उत्साहित हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि द्विपक्षीय निवेश व कारोबार बढ़ाने के सुझाव देने के लिए कनाडाई व भारतीय सीईओ का एक फोरम बनाया जाएगा। यह फोरम दोनों देशों को ठोस और लागू करने योग्य सुझाव देगा। इसमें स्वच्छ ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल व कृषि-प्रौद्योगिकी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
