Himachal News: अब आप अपने मोबाइल फोन पर कॉल आते ही कॉलर का वास्तविक नाम देख सकेंगे। टेलीकॉम विभाग ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन नामक नई सेवा शुरू की है। इसका उद्देश्य फर्जी कॉल और ठगी से नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना है। सेवा का पायलट ट्रायल हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में शुरू हो गया है। सभी प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर इस परियोजना में शामिल हैं।
इस नई प्रणाली के तहत कॉलर का नाम सिम कार्ड रजिस्ट्रेशन के दौरान दर्ज किए गए नाम के आधार पर प्रदर्शित किया जाएगा। यह जानकारी कॉल प्राप्त करने वाले की डिवाइस की स्क्रीन पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। यह सुविधा तब भी कार्य करेगी जब कॉलर का नंबर रिसीवर के कॉन्टैक्ट सूची में सहेजा नहीं गया हो।
टेलीकॉम कंपनियों ने शुरू किया ट्रायल
रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल जैसी कंपनियों ने हरियाणा सर्किल में इस सेवा का परीक्षण प्रारंभ कर दिया है। भारती एयरटेल ने हिमाचल प्रदेश में इसकी टेस्टिंग शुरू की है। दूरसंचार विभाग ने सभी सेवा प्रदाताओं को इस सेवा को लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। कंपनियां तकनीकी बुनियादी ढांचे को विकसित करने में जुटी हुई हैं।
इस नई प्रौद्योगिकी का मुख्य लाभ टेलीफोन ठगी के मामलों में कमी लाना है। धोखाधड़ी करने वाले अक्सर नकली नाम प्रदर्शित करते हैं। अब उनकी वास्तविक पहचान सामने आ सकेगी। इससे उपभोक्ताओं को संदिग्ध कॉल को पहचानने में सहायता मिलेगी। वे अनचाहे कॉल को निर्णय लेकर अनदेखा कर सकेंगे।
नंबर सेव न होने पर भी दिखेगा नाम
इस सेवा की विशेषता यह है कि यह कॉन्टैक्ट सूची में संरक्षित नंबरों के लिए भी कार्य करेगी। कॉलर का रजिस्टर्ड नाम स्वचालित रूप से प्रदर्शित हो जाएगा। यह सुविधा देश भर में कार्य करेगी चाहे कॉल किसी भी राज्य से किया गया हो। टेलीकॉम नियामक ने इसकी समयसीमा भी निर्धारित की है।
आगामी मार्च-अप्रैल तक इस सेवा को राष्ट्रव्यापी स्तर पर लागू किया जाना प्रस्तावित है। हालांकि लैंडलाइन और दूसरी पीढ़ी के नेटवर्क उपयोगकर्ता इसके प्रारंभिक चरण में शामिल नहीं होंगे। तकनीकी सीमाओं के कारण इन सेवाओं को समायोजित करने में अतिरिक्त समय लगेगा।
सुरक्षा में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
यह पहल डिजिटल संचार क्षेत्र में उपभोक्ता सुरक्षा को बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है। फर्जी कॉल के माध्यम से होने वाले वित्तीय अपराधों पर अंकुश लगाना एक प्रमुख उद्देश्य है। नागरिक अब कॉल आने पर अधिक सूचित निर्णय ले सकेंगे। यह तकनीक दूरसंचार क्षेत्र में पारदर्शिता लाने का कार्य करेगी।
टेलीकॉम विभाग ने सेवा प्रदाताओं से परीक्षण प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने का आग्रह किया है। कंपनियां अपने डेटाबेस को अद्यतन करने में व्यस्त हैं। लैंडलाइन नंबरों को भविष्य में इस प्रणाली में शामिल किया जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त तकनीकी समन्वय की आवश्यकता होगी।
यह सेवा मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपकरण साबित हो सकती है। कॉलर की पहचान की पुष्टि करने में यह सहायक होगी। व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी इससे लाभान्वित होंगे। ग्राहक सेवा केंद्र वास्तविक कर्मचारी पहचान प्रदर्शित कर सकेंगे।
इस नई प्रणाली के कार्यान्वयन से दूरसंचार क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित होगा। उपभोक्ता संतुष्टि में वृद्धि होने की संभावना है। सेवा प्रदाता अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाओं के विकास पर कार्य कर रहे हैं। भविष्य में और उन्नत सुविधाएं जोड़ी जा सकती हैं।
