7.4 C
Shimla
Thursday, March 23, 2023

यूट्यूबर ध्रुव राठी को Real Juice की तस्वीर यूज करने पर कलकत्ता HC ने ‘लक्ष्मण रेखा’ पार हुई कहते हुए लगाई फटकार

Youtuber Dhruv Rathi: कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने 15 मार्च 2023 को AAP समर्थक Youtuber ध्रुव राठी को एक वीडियो से उसके कुछ अंशों को हटाने का निर्देश दिया था, जिसमें FMCG कंपनी डाबर के रियल जूस का किया गया था।

ध्रुव राठी ने 13 फरवरी 2023 को YouTube पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें डिब्बाबंद जूसों के स्वास्थ्य लाभों के दावों पर टिप्पणी की गई थी।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने उस वीडियो से रियल जूस के सभी संदर्भों को हटाने के लिए कहा है और आदेश को लागू करने के लिए 7 दिन का समय दिया है। हालाँकि, राठी ने डिब्बाबंद जूस के पैकेट के ब्रांड नेम को छिपा दिया था, लेकिन पैकेजिंग के अन्य हिस्से स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे। इससे स्पष्ट था कि राठी ने पूरे वीडियो में डाबर के रियल जूस की तस्वीरों का उपयोग किया था। इस पर डाबर ने आपत्ति जताई थी।

वीडियो प्रकाशित होने के दो दिन बाद 15 फरवरी 2023 को डाबर ने वीडियो हटाने के लिए राठी को लिखा था। हालाँकि, उन्होंने 17 फरवरी 2023 को एक उत्तर भेजा, जिसमें वीडियो हटाने से इनकार कर दिया गया और अगले दिन इसे फेसबुक पर पोस्ट कर दिया। इसके बाद कंपनी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर वीडियो को हटाने के लिए निर्देश देने को कहा।

डाबर की याचिका में कहा गया था कि राठी ने कार्बोनेटेड पेय और फलों के रस के के साथ-साथ डिब्बाबंद जूस और

ताजा रस के बीच अनुचित तुलना की थी। कंपनी ने कहा कि लगाए गए वीडियो का समग्र प्रभाव सभी डिब्बाबंद पेय पदार्थों को एक समान दिखाने जैसा था।

वीडियो में दावा किया गया है कि फलों के डिब्बाबंद रसों का इस्तेमाल हानिकारक है, क्योंकि इससे टाइप-2 मधुमेह, बालों का झड़ने आदि का खतरा होता है। राठी ने लोगों को फलों के डिब्बाबंद रसों का सेवन नहीं करने के लिए कहा और बच्चों को इसे ना देने की सलाह दी।

ध्रुव राठी द्वारा वीडियो में इस्तेमाल की गई तस्वीर (बाएँ) और रियल जूस का पैकेट

डाबर ने आगे कहा कि वीडियो ब्रांड नाम ‘रियल’ के तहत बेचे जाने वाले उत्पादों के लिए एक स्पष्ट और प्रत्यक्ष संदर्भ बनाता है। कंपनी ने कहा कि राठी ने जानबूझकर और शरारतपूर्ण ढंग से पंजीकृत मार्क/लोगो रियल फ्रूट को धुंधला कर दिया और सीधे याचिकाकर्ता के उत्पाद को लक्षित किया। इससे उसकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई। अदालत ने डाबर के साथ सहमति व्यक्त किया और कहा कि वीडियो में दिखाया गया उत्पाद याचिकाकर्ता का वास्तविक उत्पाद है।

फैसले में अदालत ने कहा कि ध्रुव राठी ने ट्रेड मार्क्स एक्ट 1999 की धारा 29 (9) और कॉपीराइट अधिनियम 1957 का उल्लंघन किया, जो रियल ब्रांड के उत्पाद के पैकेजिंग, लेबल और लोगो के अनधिकृत उपयोग किया गया है। कोर्ट ने कहा कि यह डाबर को दिए गए ट्रेडमार्क और कॉपीराइट संरक्षण का उल्लंघन करता है।

अदालत ने कहा कि भले ही वीडियो की वस्तु आपत्तिजनक नहीं है, लेकिन इसमें रियल प्रोडक्ट के लिए बार-बार प्रत्यक्ष संदर्भ बनाकर ‘लक्ष्मणरेखा या रूबिकॉन’ को पार किया गया है। न्यायमूर्ति रवि कृष्ण कपूर ने कहा, “मेरे विचार में 5 याचिकाकर्ता के उत्पाद रियल को विशेष रूप से वीडियो में लक्षित और बदनाम किया गया है।”

अदालत ने कहा कि ध्रुव राठी को वीडियो को प्रसारित करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन इसके लिए उन्हें वीडियो में अपमानजनक भागों को हटाना होगा। आदेश को लागू करने के लिए 7 दिन का समय देते हुए अदालत ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो अदालत वीडियो को ब्लॉक करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निर्देशित करेगी। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 22 मार्च 2023 को होगी।

Latest news
Related news

Your opinion on this news: