शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

कैग रिपोर्ट: हिमाचल में ट्रैक्टर सब्सिडी घोटाला, किसानों को गलत तरीके से मिले करोड़ों

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Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में कृषि मशीनीकरण योजना के तहत बड़ी अनियमितता सामने आई है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार चार जिलों में किसानों को गलत तरीके से सब्सिडी दी गई। इससे 4.61 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान हुआ है। यह योजना केंद्र सरकार की एसएमएएम योजना के अंतर्गत चल रही थी।

राज्य के कृषि निदेशालय ने इस योजना को लागू किया था। योजना का उद्देश्य छोटे किसानों को मशीनरी खरीदने में मदद करना था। ट्रैक्टर खरीद पर वित्तीय सहायता दी जाती थी। पर ऑडिट में नियमों का पालन न करने की बात सामने आई।

नियमों में बदलाव की अनदेखी

ऑपरेशनल गाइडलाइंस केमुताबिक दो तरह के लाभार्थी समूह थे। दो-पहिया और चार-पहिया ट्रैक्टरों के लिए अलग नियम थे। साल 2018-19 में इन नियमों में बदलाव किया गया था। पर जिला अधिकारियों ने पुराने नियम ही लागू रखे।

इस कारण सब्सिडी की गलत गणना हुई। कैग ने चार जिलों के रिकॉर्ड की जांच की। ऑडिट में पता चला कि 1005 लाभार्थियों को अतिरिक्त राशि मिली। योग्य राशि 25.10 करोड़ रुपये थी पर 29.71 करोड़ रुपये जारी किए गए।

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अलग-अलग मामलों में छह हजार से पचास हजार रुपये तक का अधिक भुगतान हुआ। एक सर्कुलर में 50 प्रतिशत सब्सिडी या तीन लाख रुपये तय किया गया था। यह संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुकूल नहीं था।

प्रशासनिक त्रुटि को स्वीकार

कृषिनिदेशक ने मई 2022 में प्रक्रियागत गलती स्वीकार की। पर जुलाई 2024 तक राज्य सरकार ने कैग को औपचारिक जवाब नहीं दिया। इससे पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। किसान हितैषी योजना में ऐसी चूक गंभीर मानी जा रही है।

भारत सरकार के कृषि मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार एसएमएएम योजना का लक्ष्य खेती को आधुनिक बनाना है। इसके तहत किसानों को सहायता दी जाती है। पर सही क्रियान्वयन न होने से योजना का लाभ प्रभावित होता है।

कैग की रिपोर्ट में आंतरिक नियंत्रण प्रणाली को मजबूत करने की सलाह दी गई है। दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। गलत तरीके से दी गई राशि वसूलने का सुझाव भी दिया गया है।

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जवाबदेही तय करने का आग्रह

कैग नेफील्ड स्तर के अधिकारियों की जवाबदेही तय करने को कहा है। नई गाइडलाइंस न मानने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है। इससे भविष्य में ऐसी गलतियों को रोका जा सकेगा। सरकारी धन के सदुपयोग की गारंटी मिलेगी।

राज्य सरकार अब इस मामले में आवश्यक कदम उठा सकती है। अनियमितता की जांच और सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है। किसानों के हितों की रक्षा करना सबसे महत्वपूर्ण है। सब्सिडी वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता लानी होगी।

इस घटना से योजना के क्रियान्वयन पर सवाल उठे हैं। सरकारी मशीनरी की कार्यक्षमता पर चिंता जताई जा रही है। सुधार के उपायों से भविष्य में स्थिति बेहतर हो सकती है। धन के उचित उपयोग से ही योजनाओं का लक्ष्य पूरा होगा।

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