New Delhi News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। आज की सबसे अहम बिजनेस न्यूज यह है कि अब बैंकों को जीरो बैलेंस खाता यानी बुनियादी बचत खाता (BSBDA) देना अनिवार्य होगा। आरबीआई ने इन खातों के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। अब ग्राहकों को चेकबुक और डिजिटल बैंकिंग जैसी सुविधाएं बिल्कुल मुफ्त मिलेंगी। केंद्रीय बैंक के अनुसार, ये नए नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू हो जाएंगे। हालांकि, बैंक चाहें तो इन्हें पहले भी लागू कर सकते हैं।
7 दिनों में बदल जाएगा आपका खाता
आरबीआई ने बैंकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। अगर कोई पुराना ग्राहक अपने सामान्य बचत खाते को बुनियादी खाते में बदलना चाहता है, तो बैंक को यह काम करना होगा। यह प्रक्रिया मात्र 7 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी। इसके लिए ग्राहक को सिर्फ एक लिखित या ऑनलाइन अनुरोध देना होगा। पहले कई बैंक इस प्रक्रिया में देरी करते थे या शर्तें थोपते थे। इस बिजनेस न्यूज से साफ है कि अब बैंक इन खातों को कमतर नहीं मान सकेंगे। इसमें भी सामान्य खातों जैसी ही सुविधाएं मिलनी चाहिए।
अब ये सुविधाएं मिलेंगी एकदम फ्री
नए निर्देशों के मुताबिक, बुनियादी खातों में कई जरूरी सेवाएं मुफ्त होंगी। ग्राहक संगठनों की शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है।
- एटीएम या डेबिट कार्ड का कोई सालाना शुल्क नहीं लगेगा।
- कार्ड के नवीनीकरण (रिन्यूअल) पर भी कोई चार्ज नहीं देना होगा।
- बैंक साल में 25 पन्नों की चेकबुक बिल्कुल मुफ्त देंगे।
- इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की सुविधा फ्री होगी।
- पासबुक और स्टेटमेंट के लिए कोई पैसा नहीं लिया जाएगा।
- एटीएम से महीने में चार बार मुफ्त नकद निकासी की जा सकेगी।
- खाते में पैसा जमा करने पर कोई रोक नहीं होगी।
बैंकों की मनमानी पर लगी रोक
आरबीआई ने बैंकों के कई सुझावों को खारिज कर दिया है। बैंकों ने मांग की थी कि यह खाता खोलने के लिए ग्राहक की आय या प्रोफाइल की शर्त होनी चाहिए। केंद्रीय बैंक ने इसे नहीं माना। साथ ही, इंटरनेट बैंकिंग पर रोक लगाने का सुझाव भी मंजूर नहीं हुआ। यह बिजनेस न्यूज बताती है कि अब डिजिटल लेनदेन को नकद निकासी की सीमा में नहीं गिना जाएगा। यानी आप यूपीआई या नेट बैंकिंग से कितना भी लेनदेन कर सकते हैं।
इन बैंकों पर लागू होंगे नियम
आरबीआई के ये सात संशोधित निर्देश सभी तरह के बैंकों पर लागू होंगे। इनमें कमर्शियल बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक शामिल हैं। साथ ही क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंकों को भी ये नियम मानने होंगे। आरबीआई का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं को हर आम आदमी तक पहुंचाना है। ग्राहक अब अपनी मर्जी से इन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। बैंक उन पर कोई न्यूनतम जमा राशि की शर्त नहीं लगा सकते हैं।
