Himachal Pradesh News: राज्य में बनने जा रहे बल्क ड्रग फार्मा पार्क के लिए बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। उद्योग विभाग ने जमीन को समतल करने का टेंडर जारी कर दिया है। इसके साथ ही, परियोजना क्षेत्र में आने वाले 21,702 पेड़ों को काटने की भी अनुमति मिल गई है। कुल 45,600 पेड़ों में से 23,898 पेड़ों को संरक्षित रखा जाएगा। यह कार्य दो चरणों में पूरा किया जाएगा।
वन विभाग की देखरेख में वन विकास निगम पेड़ों की कटाई का कार्य करेगा। सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पेड़ों की कटाई तभी शुरू की जाएगी जब परियोजना का डिजाइन अंतिम रूप ले लेगा। इसका उद्देश्य अनावश्यक रूप से अतिरिक्त पेड़ों की कटाई को रोकना है। इस प्रक्रिया के बाद ही जमीन समतल करने का काम शुरू हो पाएगा।
पेड़ों के कटने के बाद शुरू होगा समतलीकरण
दूसरे चरण में कुल 222 पेड़ों में से 146 पेड़ों को काटने की अनुमति प्रदान की गई है। शेष 76 पेड़ों को उनके मूल स्थान पर ही संरक्षित रखा जाएगा। विभाग ने बताया कि यदि भविष्य में और पेड़ काटने की आवश्यकता पड़ती है तो उसके लिए अलग से आवेदन किया जा सकता है। इस पूरी प्रक्रिया से परियोजना की गति तेज होने की उम्मीद है।
पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण नियम का पालन किया जाएगा। परियोजना के लिए जितने पेड़ काटे जाएंगे, उतने ही नए पेड़ दूसरे स्थान पर लगाए जाएंगे। यह कार्य हरित पट्टी विकास योजना और पुनर्वनीकरण योजना के दिशा-निर्देशों के तहत किया जाएगा। इससे हरियाली की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी।
1402 एकड़ में बनेगा बल्क ड्रग पार्क
केंद्र सरकार ने इस महत्वाकांक्षी बल्क ड्रग पार्क योजना को 21 मार्च, 2020 को मंजूरी दी थी। इसकी कुल अनुमानित लागत 1,923 करोड़ रुपये है। इस राशि में से केंद्र सरकार 1,118 करोड़ रुपये का अनुदान देगी। वहीं, राज्य सरकार 804.54 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह पार्क 1402.44 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है।
फार्मास्यूटिकल उद्योग के लिए यह पार्क एक गेम चेंजरसाबित हो सकता है। वर्तमान में, दवा कंपनियों को कच्चा माल आयात करने के लिए चीन पर निर्भर रहना पड़ता है। इस पार्क के चालू होने के बाद, कंपनियों को स्थानीय स्तर पर ही कच्चा माल उपलब्ध हो सकेगा। इससे उनकी लागत कम होगी और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
बड़ी कंपनियों ने दिखाई रुचि
पार्क में निवेश के लिए देश-विदेश की प्रमुख कंपनियों ने रुचि दिखाई है। मैनकाइंड, अरविंदो और सन फार्मा समेत लगभग 50 प्रतिष्ठित कंपनियां निवेश को तैयार हैं। पहले चरण में यही कंपनियां फार्मा उद्योग के लिए आवश्यक कच्चा माल तैयार करेंगी। इससे घरेलू उत्पादन को बड़ा बढ़ावा मिलने की संभावना है।
पार्क के भीतर 10,000 करोड़ रुपये और बाहरी क्षेत्रों में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। उद्योग विभाग ने साइट डेवलपमेंट, सड़कों, बाउंडरी वॉल और पुल निर्माण के लिए 287 करोड़ रुपये की लागत के टेंडर जारी कर दिए हैं। इसके अलावा, 321 करोड़ रुपये की लागत से एक बॉयलर भी स्थापित किया जाएगा।
35,000 लोगों को मिलेगा रोजगार
इस परियोजना का सबसे बड़ा सामाजिक-आर्थिक लाभ रोजगार सृजन के रूप में सामने आएगा। उद्योग विभाग के दावे के अनुसार, बल्क ड्रग पार्क लगभग 35,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
परियोजना की समयसीमा पर नजर रखी जा रही है। पहले चरण का उत्पादन दिसंबर 2026 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। पर्यावरणीय चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, 284 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया जाएगा। इसके बाद ट्रीट किए गए पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाएगा।
