शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

बूढ़ी दिवाली: हिमाचल प्रदेश में दिवाली के एक महीने बाद क्यों मनाया जाता है यह अनोखा त्योहार?

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National News: हिमाचल प्रदेश में दिवाली के एक महीने बाद बूढ़ी दिवाली मनाई जाती है। यह त्योहार इस वर्ष 20 नवंबर से शुरू होगा और तीन से चार दिन तक चलेगा। सिरमौर जिले के शिलाई और कुल्लू जिले के निरमंड क्षेत्र में इस पर्व को विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह हिमाचल की समृद्ध लोक संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

श्रीराम के अयोध्या लौटने की कथा

सिरमौर क्षेत्र में मान्यता है कि भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की खबर पहाड़ी इलाकों में देर से पहुंची। रावण वध और चौदह वर्ष के वनवास के बाद जब श्रीराम अयोध्या लौटे तो समस्त देश में दिवाली मनाई गई। पर्वतीय क्षेत्रों में यह सूचना एक माह बाद प्राप्त हुई। तभी से यहां बूढ़ी दिवाली मनाने की परंपरा शुरू हुई।

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भगवान परशुराम से संबंध

कुल्लू जिले के निरमंड क्षेत्र में बूढ़ी दिवाली का संबंध भगवान परशुराम से जोड़ा जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम ने इस क्षेत्र में एक असुर का वध किया था। इस विजय के उपलक्ष्य में लोगों ने मशालें जलाकर जश्न मनाया था। आज भी यहां बूढ़ी दिवाली पर मशाल यात्रा निकाली जाती है।

वृत्तासुर वध की पौराणिक कथा

इस त्योहार को वृत्तासुर नामक राक्षस के वध से भी जोड़ा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवराज इंद्र ने महर्षि दधीचि की अस्थियों से निर्मित अस्त्र से वृत्तासुर का अंत किया था। देवराज इंद्र की इस विजय पर लोगों ने मार्गशीर्ष अमावस्या की रात मशालें जलाईं। बुराई पर अच्छाई की जीत का यह जश्न आज तक जारी है।

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पारंपरिक उत्सव और रीति-रिवाज

बूढ़ी दिवाली के अवसर पर विवाहित बेटियों और रिश्तेदारों को घर आमंत्रित किया जाता है। लोकगीतों और पारंपरिक नृत्यों का आयोजन होता है। स्थानीय लोग नाटी, रासा और हुड़क नृत्य करते हैं। विरह गीत भयूरी और परोकड़िया गीत गाए जाते हैं। स्वांग जैसी लोक कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।

पारंपरिक व्यंजनों का आदान-प्रदान

इस त्योहार पर लोग एक-दूसरे को पारंपरिक व्यंजन भेंट करते हैं। मूड़ा, शाकुली और चिड़वा जैसे विशेष व्यंजन तैयार किए जाते हैं। अखरोट का विशेष महत्व है। इन व्यंजनों के साथ शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है। यह पर्व सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने का प्रतीक है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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