Himachal News: शिमला के रामपुर बुशहर कोर्ट ने दुष्कर्म के एक गंभीर मामले में आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (पॉक्सो कोर्ट) ने मानसिक रूप से बीमार युवती का यौन शोषण करने वाले केशव राम को दोषी करार दिया है। अदालत ने मुजरिम को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी शिमला जिले के शाह गांव का रहने वाला है।
मां की नजर ने खोला गहरा राज
उप जिला न्यायवादी कमल चन्देल ने केस की जानकारी दी। पीड़िता बचपन से अपनी नानी के घर पर रहती है। वह मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है। घटना का पता 20 सितंबर को चला। उस दिन पीड़िता की मां उससे मिलने नानी के घर पहुंची थी। मां ने देखा कि बेटी का पेट असामान्य रूप से बढ़ा हुआ है। मां ने प्यार से पूछा तो युवती ने दुष्कर्म की पूरी दास्तां सुना दी।
दुकान में ले जाकर किया गलत काम
पीड़िता ने बताया कि वह घर का सामान लेने दुकान गई थी। वहां आरोपी केशव राम ने उसे अकेला पाकर हवस का शिकार बनाया। आरोपी ने पिछले छह महीनों में कई बार इस दुष्कर्म को अंजाम दिया। मेडिकल जांच में पीड़िता के पेट में 6 महीने का गर्भ पाया गया। बाद में पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया। वह आज भी उस बच्चे का पालन-पोषण कर रही है।
21 गवाहों ने की जुर्म की पुष्टि
बेटी की आपबीती सुनकर मां ने तुरंत झाकड़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने 21 गवाह पेश किए। सभी दलीलों और सबूतों को देखने के बाद अदालत ने केशव राम को दोषी पाया। जज ने एक मानसिक दिव्यांग महिला के साथ दुष्कर्म को जघन्य अपराध मानते हुए 10 साल की कड़ी सजा मुकर्रर की।
