National News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड, पैन कार्ड या वोटर आईडी जैसे दस्तावेज भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं होते। यह फैसला ठाणे के एक मामले की सुनवाई के दौरान आया, जहां एक व्यक्ति पर बांग्लादेशी नागरिक होने का संदेह था।
कोर्ट का अहम फैसला
न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने कहा कि पहचान पत्र केवल सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए होते हैं। ये भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। कोर्ट ने यह फैसला एक याचिकाकर्ता के मामले में दिया, जो अपने आधार, पैन और पासपोर्ट के आधार पर भारतीय नागरिकता का दावा कर रहा था।
नागरिकता साबित करने के वैध दस्तावेज
भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज मान्य हैं:
- जन्म प्रमाणपत्र (1969 के जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के तहत)
- 10वीं/12वीं की मार्कशीट में जन्म विवरण
- राज्य सरकार द्वारा जारी डोमिसाइल सर्टिफिकेट
- 1987 से पहले के सरकारी रिकॉर्ड (भूमि आवंटन, पेंशन आदेश)
भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के तरीके
भारतीय नागरिकता चार प्रकार से प्राप्त की जा सकती है:
- जन्म के आधार पर – 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे सभी व्यक्ति स्वतः भारतीय नागरिक
- वंश के आधार पर – विदेश में जन्मे व्यक्ति जिसके माता-पिता में से एक भारतीय नागरिक हो
- पंजीकरण द्वारा – भारतीय मूल के व्यक्ति जो 7 वर्ष से भारत में रह रहे हों
- देशीयकरण द्वारा – 12 वर्ष तक भारत में निवास कर चुके विदेशी नागरिक
नागरिकता आवेदन प्रक्रिया
भारतीय नागरिकता के लिए आवेदक को नागरिकता अधिनियम, 1955 की शर्तें पूरी करनी होती हैं। आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन किया जा सकता है। जरूरी दस्तावेजों के साथ निवास प्रमाण पत्र अनिवार्य है।
