Solan News: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के खुंब अनुसंधान निदेशालय, सोलन ने मशरूम की एक नई प्रजाति विकसित की है। इसका नाम ‘मिल्की मशरूम’ रखा गया है। यह किस्म न केवल उच्च उत्पादन देती है, बल्कि ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी सहायक मानी जा रही है।
मिल्की मशरूम की खास विशेषताएं
मिल्की मशरूम की यह नई किस्म डीएमआर मिल्की 321 पारंपरिक किस्मों से अधिक सफेद और कड़वाहट रहित है। इसमें फाइबर और बायोएक्टिव कंपाउंड्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यही रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मददगार हो सकते हैं।
उत्पादन और खेती में आसानी
इस मशरूम की खेती 30-35 डिग्री सेल्सियस के तापमान में आसानी से की जा सकती है। यह किस्म पारंपरिक किस्मों की तुलना में लगभग 10% अधिक उपज देती है। इसके उत्पादन के लिए विशेष खाद की आवश्यकता नहीं होती, यह सामान्य भूसे में भी अच्छी पैदावार देती है।
औषधीय गुणों से भरपूर
मिल्की मशरूम प्रोटीन और विटामिन का एक उत्कृष्ट स्रोत है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक है। इसके नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित किया जा सकता है। यह शाकाहारी लोगों के लिए प्लांट-बेस्ड प्रोटीन का एक बेहतरीन विकल्प प्रदान करता है।
भंडारण और उपलब्धता
अन्य किस्मों के विपरीत, मिल्की मशरूम कटाई के बाद भी लगभग एक सप्ताह तक ताजा रहती है। संस्थान उत्पादकों की मांग पर 15 दिनों के भीतर इसका बीज तैयार कर देता है। इसका उपयोग सब्जी और अचार दोनों रूपों में किया जा सकता है।
