Uttar Pradesh News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उत्तर प्रदेश इकाई में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। लखनऊ में शनिवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और विनोद तावड़े की मौजूदगी में इसको लेकर हलचल तेज रही। रविवार 14 दिसंबर को इस नियुक्ति का औपचारिक ऐलान होने की पूरी संभावना है।
महराजगंज से 7 बार के सांसद
पंकज चौधरी पूर्वांचल में BJP का एक मजबूत चेहरा हैं। उनका जन्म 1964 में गोरखपुर के एक कुर्मी परिवार में हुआ था। उन्होंने 1989 में पार्षद बनकर राजनीति शुरू की थी। इसके बाद 1991 में उन्होंने पहली बार महराजगंज लोकसभा सीट से जीत हासिल की। वह अब तक सात बार सांसद रह चुके हैं। फिलहाल वह मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उनकी छवि एक शांत और विवादों से दूर रहने वाले नेता की है।
2027 चुनाव और जातीय समीकरण
पार्टी का यह फैसला 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 में BJP को ओबीसी वोटों का काफी नुकसान हुआ था। राज्य में कुर्मी समुदाय की आबादी करीब 8-10% है। पंकज चौधरी की नियुक्ति के जरिए पार्टी ‘नॉन-यादव ओबीसी’ वोट बैंक को फिर से जोड़ने की कोशिश कर रही है। सपा के पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूले की काट के लिए यह कदम बहुत अहम है।
योगी आदित्यनाथ के साथ संतुलन
पंकज चौधरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों गोरखपुर क्षेत्र से ही आते हैं। राजनीतिक गलियारों में दोनों के रिश्तों को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। जानकारों का मानना है कि यह नियुक्ति सरकार और संगठन के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है। चौधरी को अध्यक्ष बनाकर BJP आलाकमान पूर्वांचल में अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहता है। हालांकि, कुछ मुद्दों पर योगी और चौधरी के बीच मतभेद की खबरें भी आती रही हैं।
रविवार को हो सकती है घोषणा
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल जनवरी 2025 में खत्म हो रहा है। लेकिन पार्टी खरमास शुरू होने से पहले ही नए नाम की घोषणा करना चाहती है। अध्यक्ष पद की रेस में बीएल वर्मा और रामशंकर कठेरिया का नाम भी चल रहा था। लेकिन जातीय समीकरणों और अनुभव के आधार पर पंकज चौधरी का पलड़ा भारी दिख रहा है। BJP कार्यकर्ता अब आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।
