New Delhi News: कभी निवेशकों को रातों-रात अमीर बनाने वाले बिटकॉइन ने साल 2025 में जोरदार झटका दिया है। यह साल क्रिप्टो बाजार के लिए काफी उथल-पुथल भरा रहा। बिटकॉइन अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से करीब 30 फीसदी नीचे लुढ़क गया है। इस भारी गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। साल की शुरुआत में जो उत्साह था, वह अब डर में बदल गया है। हालांकि, बाजार के जानकार इसे एक बुरा दौर मान रहे हैं और 2026 में वापसी की उम्मीद जता रहे हैं।
क्यों औंधे मुंह गिरा बिटकॉइन?
बाजार में बिटकॉइन की कीमतों में गिरावट की कई बड़ी वजहें सामने आई हैं। तकनीकी कारणों के साथ-साथ खरीद-बिक्री में आई सुस्ती ने कीमतों पर दबाव डाला। लंबे समय से बिटकॉइन होल्ड करने वाले निवेशकों ने भी मुनाफा वसूली के चक्कर में भारी बिकवाली की। जब कीमतें 365 दिनों के औसत स्तर से नीचे गईं, तो बाजार में और ज्यादा अफरातफरी मच गई। हालांकि, ब्लॉकचेन तकनीक में लोगों की रुचि अब भी बनी हुई है।
अमेरिका ने लिया बड़ा फैसला
कीमतों में गिरावट के बीच साल 2025 में कुछ ऐतिहासिक फैसले भी हुए। अमेरिका ने साल की शुरुआत में ‘स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिजर्व’ बनाने का ऐलान किया। यह खबर क्रिप्टो जगत के लिए संजीवनी जैसी थी। इससे साफ हो गया कि अब दुनिया की महाशक्ति भी डिजिटल संपत्ति को गंभीरता से ले रही है। जानकारों ने इसे पारंपरिक वित्तीय सिस्टम में क्रिप्टो की स्वीकार्यता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।
नए कानून और वापसी की उम्मीद
साल 2025 के मध्य तक अमेरिका में ‘जीनियस’ एक्ट पास हुआ। इससे डॉलर से जुड़े स्टेबलकॉइन के लिए नियम स्पष्ट हुए। दिसंबर में सीएफटीसी ने फ्यूचर्स एक्सचेंजों पर स्पॉट क्रिप्टो प्रोडक्ट्स की ट्रेडिंग को मंजूरी दी। इन फैसलों से बाजार में पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कड़े नियम और बड़ी कंपनियों की भागीदारी से 2026 में बिटकॉइन फिर से रफ्तार पकड़ सकता है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में डेवलपर्स की सक्रियता भी अच्छे भविष्य का संकेत दे रही है।
