शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

बिलासपुर: ग्रामीण महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण से बनाया जा रहा आत्मनिर्भर

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Himachal News: बिलासपुर में ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक नई पहल शुरू हुई है। हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के तहत खंड परियोजना प्रबंधन इकाई ने तीन माह का सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया है। यह प्रशिक्षण 3 नवंबर से शुरू हुआ और इसमें चार पंचायतों की 15 महिलाओं का चयन किया गया है। एक मास्टर ट्रेनर इन्हें सिलाई की आधुनिक तकनीकों और व्यावहारिक कौशल का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

महिलाओं को मिलेगा मासिक प्रशिक्षण मानदेय

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम कीखास बात यह है कि इसमें भाग ले रही महिलाओं को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। विभाग की ओर से प्रतिभागी महिलाओं को प्रत्येक माह प्रशिक्षण मानदेय प्रदान किया जाएगा। इससे उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त महसूस करने में मदद मिलेगी। इस व्यवस्था से प्रशिक्षण के दौरान भी महिलाओं को कुछ आमदनी होती रहेगी। यह उनकी आजीविका में सहायक सिद्ध होगा।

चयनित पंचायतों की महिलाओं को मिल रहा प्रशिक्षण

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मेंमाकड़ी, कमलोटा, संगराना और कोठी बताला-ज्योरा पंचायतों की 15 महिलाओं को चुना गया है। खंड परियोजना प्रबंधक इकाई बिलासपुर के डॉ. पवन कुमार ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह पहल आजीविका गतिविधियों के तहत की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ये महिलाएं स्वरोजगार शुरू कर सकेंगी।

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मास्टर ट्रेनर दे रहे हैं आधुनिक तकनीक का ज्ञान

प्रशिक्षण कार्यक्रम कासंचालन एक मास्टर ट्रेनर द्वारा किया जा रहा है। वह प्रतिभागी महिलाओं को सिलाई की आधुनिक तकनीकों से परिचित करवा रहे हैं। इसके साथ ही व्यावहारिक कौशल भी सिखाया जा रहा है। इस प्रशिक्षण से महिलाओं को न केवल सिलाई का हुनर मिलेगा बल्कि वे फैशन के नए ट्रेंड से भी अवगत होंगी। इससे उन्हें बाजार की मांग के अनुरूप उत्पाद बनाने में आसानी होगी।

रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे

तीन महीनेका यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने के बाद महिलाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। वे अपना स्वयं का सिलाई व्यवसाय शुरू कर सकती हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। साथ ही वे अपने परिवार की आय बढ़ाने में भी सक्षम होंगी। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

हिमाचल प्रदेश में चल रही हैं कई विकासात्मक परियोजनाएं

हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य केविकास के लिए कई परियोजनाएं चला रही है। फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना भी इनमें से एक है। इस परियोजना के तहत किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सिलाई प्रशिक्षण इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओंके सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल उन्हें नया कौशल सीखने का मौका मिल रहा है बल्कि आर्थिक आजादी भी मिलेगी। प्रशिक्षण अवधि के दौरान मिलने वाला मानदेय उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा। भविष्य में वे इस हुनर का उपयोग करके अपना व्यवसाय स्थापित कर सकती हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

स्थानीय समुदाय को मिलेगा लाभ

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम कालाभ सीधे तौर पर स्थानीय समुदाय को मिलेगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद महिलाएं अपने गांवों में ही सिलाई का कार्य शुरू कर सकती हैं। इससे गांव के लोगों को सिलाई की सुविधा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही महिलाएं बाजार में बिकने वाले कपड़ों की मरम्मत और नए कपड़े सिलने का काम भी शुरू कर सकती हैं। इससे गांव की economy में सुधार आएगा।

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