शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

बिलासपुर बस हादसा: एक ही परिवार की चार लाशों ने बढ़ाया दर्द, आठ साल के बच्चे ने दी मां और भाइयों को मुखाग्नि

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Bilaspur News: बिलासपुर बस हादसे ने झंडुता विधानसभा क्षेत्र के फगोग गांव के एक परिवार को तबाह कर दिया है। इस दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। मरने वालों में दो सगे भाई और देवरानी-जेठानी शामिल हैं। हादसे में इसी परिवार के दो बच्चे शौर्य और आरुषि गंभीर रूप से घायल हुए। गांव के श्मशान घाट पर चार चिताएं एक साथ जलने का दृश्य मौजूद लोगों के लिए दिल दहला देने वाला था।

आठ साल के बच्चे ने दी मुखाग्नि

हादसे में सुरक्षित बच गए आठ वर्षीय शौर्य ने अपने परिजनों की चिता को मुखाग्नि दी। एम्स अस्पताल में उपचाराधीन शौर्य अपने पिता के साथ श्मशान घाट पहुंचा। उसने अपने दो चचेरे भाइयों, मां और चाची को अंतिम विदाई दी। इस हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। परिजनों और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव वाले इस त्रासदी से स्तब्ध हैं।

परिवार के सदस्यों की पहचान

मृतकों में अंजना देवी (29) और उनके दो बेटे नक्ष (7 वर्ष) और आरव (4 वर्ष) शामिल हैं। इसके अलावा अंजना की जेठानी कमलेश (26) भी हादसे का शिकार हुईं। अंजना देवी मंगलवार सुबह अपने मायके गंगलोह गांव के एक कार्यक्रम में शामिल होने गई थीं। वह अपने साथ बेटों, जेठानी और उनके बच्चों को लेकर गई थीं। शाम को कार्यक्रम से लौटते समय वह इस हादसे का शिकार हो गए।

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फौजी के परिवार को क्षति

अंजना देवी के पति विपिन कुमार फौजी हैं। हादसे की सूचना मिलते ही वह तुरंत फगोग गांव पहुंचे। वह अंतिम संस्कार में शामिल हुए। फौजी विपिन कुमार की पत्नी और दोनों बच्चे हादसे में मारे गए। मृतक कमलेश के पति राज कुमार एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। अब दो भाई और एक भाई के दो बच्चे पीछे रह गए हैं। पूरा परिवार इस अकल्पनीय दुख को सहन कर रहा है।

हादसे की भयावहता

बिलासपुर के मरोतन से घुमारवीं जा रही 32 सीटर निजी बस पर पहाड़ से भारी मलबा गिरा। मंगलवार शाम हुए इस हादसे में 16 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा बरठीं में भल्लू पुल के पास शुक्र खड्ड किनारे हुआ। पहाड़ से गिरे मलबे ने पूरी बस को कुचल दिया। बचाव दलों को शव निकालने में काफी समय लगा। स्थानीय लोगों ने भी बचाव कार्य में सहयोग दिया।

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राहत और बचाव कार्य

हादसे के बाद एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं। उन्होंने मलबे से लोगों को निकालने का काम शुरू किया। स्थानीय प्रशासन ने भी राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता का ऐलान किया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा की।

परिवार पर टूटा दुख का पहाड़

फगोग गांव का यह परिवार अब टूट चुका है। दो भाइयों की पत्नियां और बच्चे एक साथ चले गए। जिंदा बचे बच्चों के सामने भविष्य की चुनौतियां हैं। गांव वाले इस परिवार के साथ खड़े हैं। सभी लोग इस त्रासदी से गहरे दुखी हैं। हादसे ने पूरे इलाके में मातम का माहौल बना दिया है। लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि इस तरह के हादसों को कैसे रोका जा सकता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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