शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

बिजली महादेव रोपवे: पीएम मोदी ने लिया संज्ञान, जेपी नड्डा की अध्यक्षता में कमेटी गठित

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Himachal News: कुल्लू जिले में निर्माणाधीन बिजली महादेव रोपवे के विरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संज्ञान लिया है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में अरुण सिंह और महेंद्र पांडे को भी शामिल किया गया है।

कमेटी तीन नवंबर को नई दिल्ली में बैठक करेगी। इस बैठक में रोपवे संघर्ष समिति के सदस्य शामिल होंगे। पूर्व सांसद महेश्वर सिंह भी बैठक में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री को विरोध के बारे में कई पत्र लिखे गए थे।

देवी-देवताओं ने जताया विरोध

बिजली महादेव रोपवे को लेकर स्थानीय लोगों में व्यापक विरोध है। शुक्रवार को नग्गर में हुई बड़ी जगती में देवी-देवताओं ने विरोध जताया। इस जगती में कुल्लू, मंडी और लाहुल स्पीति के दो सौ साठ देवताओं के प्रतिनिधि शामिल हुए। देवताओं ने स्पष्ट किया कि देव स्थलों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि रोपवे बंद नहीं किया गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। बिजली महादेव ने अपने गूर के माध्यम से पहले भी रोपवे का विरोध जताया था। देवताओं का कहना था कि देव स्थलों को पर्यटन स्थल नहीं बनाया जाना चाहिए।

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रोपवे परियोजना का विवरण

बिजली महादेव रोपवे दो दशमलव तीन किलोमीटर लंबा है। इस पर दो सौ चौरासी करोड़ रुपये की लागत आएगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पांच मार्च को भूमि पूजन किया था। रोपवे का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड कर रही है।

यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। परियोजना को वन संरक्षण अधिनियम के तहत पहले चरण की अनुमति मिल चुकी है। विरोध के बावजूद निर्माण कार्य जारी है। स्थानीय लोगों ने वर्षों से इसका विरोध किया है।

स्थानीय लोगों की चिंताएं

स्थानीय लोगों का मानना है कि रोपवे से देवता की शांति भंग होगी। बिजली महादेव मंदिर के कपाट पंद्रह दिसंबर से पंद्रह मार्च तक बंद रहते हैं। इस दौरान देवता को शोर-शराबा पसंद नहीं है। रोपवे के निर्माण और संचालन से शांति भंग होने की आशंका है।

खराहल और कशावरी फाटी की नौ पंचायतों के लोग विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि धार्मिक स्थलों को व्यावसायिक पर्यटन स्थल नहीं बनाया जाना चाहिए। स्थानीय परंपराओं और मान्यताओं का सम्मान होना चाहिए। विकास कार्यों में धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखना जरूरी है।

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राजनीतिक हस्तक्षेप

पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि कमेटी की बैठक में अपना पक्ष रखेंगे। भाजपा नेताओं ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप का आग्रह किया था। महेश्वर सिंह भगवान रघुनाथ जी के छड़ीबरदार भी हैं।

कमेटी में शामिल महेंद्र पांडे हिमाचल भाजपा के पूर्व प्रभारी रहे हैं। उन्हें राज्य के मामलों की अच्छी समझ है। कमेटी की सिफारिशों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सभी पक्षों के साथ बातचीत के बाद ही कोई फैसला होगा।

आगे की प्रक्रिया

कमेटी की बैठक में सभी पक्षों के विचार सुने जाएंगे। रोपवे संघर्ष समिति अपनी बात रखेगी। धार्मिक नेता और स्थानीय प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। कमेटी सभी पहलुओं का अध्ययन करेगी।

पर्यावरणीय और धार्मिक मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। विकास और परंपरा के बीच संतुलन बनाने का प्रयास होगा। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अगला कदम उठाया जाएगा। सरकार सभी हितधारकों की चिंताओं को गंभीरता से ले रही है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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