Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा कराए गए विशेष मतदाता पुनरीक्षण (SIR) में बड़ी अनियमितताएं सामने आई हैं। कुमारखंड प्रखंड के बूथ नंबर 226 और 227 की जांच में 6 मृतकों के नाम, 26 विवाहित महिलाओं की डुप्लीकेट एंट्री और एक ही घर में तीन अलग-अलग धर्म के लोगों के नाम मिले हैं। यह मामला चुनाव आयोग के “स्वच्छ मतदाता सूची” के दावों पर सवाल खड़ा करता है।
मृतकों के नाम पर भी भरे गए फॉर्म
1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में कई मृतकों के नाम शामिल हैं। चंद्रिका देवी (मृत्यु 2020), दयाजी देवी (मृत्यु 2020), गीता देवी (मृत्यु 2024) और राजेंद्र सरदार (मृत्यु जून 2025) जैसे मतदाताओं के नाम अभी भी सूची में दर्ज हैं। हैरानी की बात यह है कि इन सभी के पुनरीक्षण फॉर्म जमा किए गए और नाम ड्राफ्ट में प्रकाशित किए गए ।
विवाहित बेटियों की डबल एंट्री
जांच में पता चला है कि 26 विवाहित महिलाओं ने अपने मायके और ससुराल दोनों जगहों पर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराया है। इनमें से कुछ 5 साल तो कुछ 15 साल से ससुराल में रह रही हैं। रिंकी कुमारी और ऋचा कुमारी जैसी मतदाताओं के नाम दोनों जगहों पर अलग-अलग EPIC नंबर के साथ मौजूद हैं ।
एक ही व्यक्ति के दो EPIC नंबर
राजा कुमार और कई अन्य मतदाताओं के नाम अलग-अलग सीरियल नंबर और EPIC नंबर के साथ दर्ज हैं। यह साफ इशारा करता है कि बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) ने डेटा वेरिफिकेशन में लापरवाही बरती है ।
पश्चिम बंगाल के स्कूल संचालक भी मतदाता सूची में
मालदा (पश्चिम बंगाल) के रेमंड माइकल और उनकी पत्नी रीना माइकल का नाम भी बिहार की मतदाता सूची में शामिल है। यह दंपत्ति वास्तव में पश्चिम बंगाल में एक स्कूल चलाते हैं। इससे पता चलता है कि गैर-निवासियों के नाम भी गलत तरीके से सूची में दर्ज किए गए हैं ।
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने दावा किया है कि SIR प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही है और 1 सितंबर तक दावे-आपत्तियां दर्ज कराई जा सकती हैं। आयोग के अनुसार, किसी भी नाम को बिना कारण बताए हटाया नहीं जाएगा । हालांकि, जमीनी हकीकत इससे अलग नजर आती है।
सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) जैसे संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में SIR प्रक्रिया को चुनौती दी है। उनका दावा है कि यह अभ्यास लाखों वास्तविक मतदाताओं को वोटिंग अधिकार से वंचित कर सकता है । अगले सुनवाई 12 अगस्त को होनी है।
क्या करें अगर नाम गलत है?
- ECI पोर्टल (https://voters.eci.gov.in) पर जाकर अपना नाम चेक करें
- फॉर्म 6 भरकर नया नाम जोड़ने का दावा करें
- गलत एंट्री के खिलाफ 1 सितंबर तक आपत्ति दर्ज कराएं
- बूथ लेवल अधिकारी (BLO) से संपर्क करें
यह मामला बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। जबकि चुनाव आयोग पारदर्शिता का दावा कर रहा है, जमीनी स्तर पर कई गंभीर खामियां सामने आई हैं।
