Bihar Election 2025 Opinion Poll: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होगा। नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। MATRIZE-IANS के ताजा ओपिनियन पोल के मुताबिक, NDA को 150 से 160 सीटों पर जीत मिल सकती है। महागठबंधन 70 से 85 सीटों तक सीमित रह सकता है। वोट शेयर में NDA का 49 प्रतिशत और महागठबंधन का 36 प्रतिशत होने का अनुमान है। यह सर्वे राज्य में सत्ता की दिशा का संकेत दे रहा है।
ओपिनियन पोल में मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार सबसे आगे दिख रहे हैं। उन्हें 42 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला है। तेजस्वी यादव 15 प्रतिशत और प्रशांत किशोर 9 प्रतिशत के साथ अन्य दावेदारों में शामिल हैं। नीतीश कुमार की सरकार के काम से 42 प्रतिशत लोग बहुत संतुष्ट और 31 प्रतिशत संतुष्ट हैं। हालांकि 23 प्रतिशत लोग असंतुष्ट भी पाए गए।
बेरोजगारी है सबसे बड़ा मुद्दा
बिहार चुनाव में बेरोजगारी सबसे प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। 24 प्रतिशत लोगों ने इसे सबसे अहम बताया है। भ्रष्टाचार को 10 प्रतिशत और पीएम मोदी के चेहरे को 9 प्रतिशत लोगों ने प्रमुख मुद्दा माना। शिक्षा को 8 प्रतिशत लोगों ने प्राथमिकता दी। यह स्पष्ट है कि जनता विकास और रोजगार को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित है।
विशेष मतदाता सूची संशोधन को 54 प्रतिशत लोगों ने एक अच्छा कदम बताया। 17 प्रतिशत ने इसे जरूरी माना जबकि 13 प्रतिशत ने इसे चुनावी फायदे का तरीका बताया। इस मामले पर जनता का रुख सकारात्मक दिखाई दिया। यह लोकतंत्र को मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है।
प्रशांत किशोर ने बदले समीकरण
प्रशांत किशोर के चुनावी मैदान में उतरने ने बिहार की राजनीति में नया मोड़ पैदा कर दिया है। पहली बार चुनाव लड़ रहे प्रशांत किशोर को 9 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पसंद किया। यह आंकड़ा उन्हें एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित करता है। अगर यह समर्थन वोट में बदलता है तो नतीजे आश्चर्यचकित कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का असर बिहार चुनाव में अब भी कायम है। 57 प्रतिशत लोगों का मानना है कि उनका चुनाव पर बहुत असर पड़ेगा। 8 प्रतिशत ने थोड़ा असर माना जबकि 21 प्रतिशत ने कोई असर नहीं बताया। मोदी फैक्टर NDA के लिए एक बड़ा लाभकारी कारक बना हुआ है।
बिहार चुनाव में NDA को प्रारंभिक बढ़त मिली दिख रही है। मगर तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर की मजबूत उपस्थिति ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। मतदान के दिन तक जनमत में बदलाव संभव है। 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा कि बिहार की जनता ने किसे चुना।
