Bihar News: बिहार में नीतीश कुमार ने गुरुवार को इतिहास रच दिया। वह लगातार दसवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री पद पर पहुंचे। शपथ ग्रहण समारोह पटना के गांधी मैदान में सुबह ग्यारह बजकर तीस मिनट पर संपन्न हुआ। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह तय होने के बाद सियासी अनिश्चितता का दौर समाप्त हो गया।
राज्यपाल के सामने नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस ऐतिहासिक क्षण में कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने कार्यक्रम में शिरकत की। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।
तीन बैठकों में तय हुआ था मुख्यमंत्री का नाम
बुधवार को हुई तीन महत्वपूर्ण बैठकों में मुख्यमंत्री पद का मामला सुलझा। जदयू विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुना गया। भाजपा विधायक दल ने सम्राट चौधरी को नेता और विजय सिन्हा को उपनेता चुना। एनडीए विधायक दल ने नीतीश कुमार को अपना नेता चुन लिया।
इन बैठकों के बाद नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे। उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। साथ ही समर्थन पत्र भी जमा किया। इस तरह सरकार बनाने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी हुई।
मंत्रियों की संख्या और सूची
पहले चरण में लगभग बीस मंत्रियों ने शपथ ली। मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में किया जाएगा। कुल चौंतीस मंत्री बनाए जाने की योजना है। भाजपा और जदयू के अलावा एलजेपी, एचएएम और आरएलएम के प्रतिनिधि भी मंत्रिमंडल में शामिल हुए।
भाजपा की ओर से सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, रामकृपाल यादव और नितिन नवीन प्रमुख हैं। जदयू में विजय चौधरी, अशोक चौधरी और बिजेंद्र प्रसाद यादव शामिल हैं। एलजेपी से राजू तिवारी और संजय पासवान मंत्रिमंडल का हिस्सा बने।
नीतीश और सम्राट की बढ़ती नजदीकी
राजनीतिक हलकों में नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी की बढ़ती नजदीकी चर्चा का विषय बनी हुई है। चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश ने सम्राट के लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया था। वह तारापुर जाकर उनके लिए वोट मांगने पहुंचे थे। इस दौरान दोनों की आपसी समझदारी साफ दिखाई दी।
मंच पर सम्राट ने नीतीश के पैर छुकर आशीर्वाद लिया। राजनीतिक विश्लेषक इसे सुशील मोदी के साथ नीतीश की पुरानी जोड़ी की याद दिलाते हैं। माना जा रहा है कि दोनों के बीच काम करने की सहजता ने ही सम्राट की जगह बनाए रखी।
डिप्टी सीएम पद पर बरकरार रहे दोनों चेहरे
पहले उपमुख्यमंत्रियों में बदलाव की संभावना जताई जा रही थी। भाजपा महिला उपमुख्यमंत्री बनाना चाहती थी। लेकिन नीतीश कुमार ने सम्राट चौधरी के साथ काम करने में सहजता जताई। इसके बाद भाजपा ने जोखिम लेने से परहेज किया।
आखिरकार दोनों उपमुख्यमंत्रियों को बरकरार रखने का निर्णय लिया गया। इस तरह सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा दोबारा उपमुख्यमंत्री बने। यह फैसला सत्ता संभालने की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए लिया गया।
विशेष सत्र और बहुमत साबित करने की तैयारी
शपथ ग्रहण समारोह के बाद विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। यह सत्र चौबीस से अट्ठाईस नवंबर के बीच हो सकता है। इस सत्र में नई सरकार विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी। बहुमत साबित करने की प्रक्रिया सरल रहेगी।
एनडीए के पास विधानसभा में पर्याप्त संख्या में विधायक हैं। सदन में बहुमत साबित करने में सरकार को कोई कठिनाई नहीं होगी। इसके बाद सरकार अपनी नीतियों और योजनाओं पर काम शुरू करेगी।
