Buxar News: Bihar News में पुलिस की बड़ी लापरवाही का एक अजीब मामला सामने आया है। सिकरौल थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक निर्दोष व्यक्ति को अपराधी समझकर गिरफ्तार कर लिया। पुलिसकर्मी रात के अंधेरे में छत के रास्ते घर में घुसे और युवक को उठा ले गए। उसे करीब 14 घंटे तक थाने में हिरासत में रखा गया। बाद में जब सच्चाई सामने आई तो पुलिस के होश उड़ गए। पुलिस ने अपनी गलती मानी और युवक को छोड़ दिया।
छत के रास्ते घर में घुसी पुलिस टीम
यह घटना भदार गांव की है। सोमवार देर रात करीब दो बजे प्रभारी थानाध्यक्ष चंदन कुमार अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे। पुलिस वाले छत के रास्ते अजय कुमार सिंह के घर में घुस गए। उन्होंने अजय को नींद से जगाया और जबरदस्ती थाने ले गए। अजय और उनके परिवार ने गिरफ्तारी का कारण पूछा, लेकिन पुलिस ने चुप्पी साधे रखी। काफी देर बाद पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई बैंक लोन न चुकाने के कारण की गई है।
नाम की गलतफहमी से हुई इतनी बड़ी चूक
अजय सिंह ने पुलिस को बताया कि उन्होंने बैंक का पूरा लोन चुका दिया है। उनके पास इसका एनओसी (NOC) भी मौजूद है। जब मंगलवार सुबह परिजन दस्तावेज लेकर थाने पहुंचे, तब पुलिस को अपनी गलती का अहसास हुआ। असल में पुलिस जिस आरोपी को पकड़ने आई थी, उसका नाम भी अजय ही था। नाम एक होने के कारण Bihar News में पुलिस गच्चा खा गई। हालांकि, दोनों के पिता का नाम अलग-अलग था, जिसकी जांच पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले नहीं की।
एसपी ने दिए जांच के आदेश
पीड़ित अजय सिंह ने बताया कि इस घटना से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा खराब हुई है। वह मानसिक रूप से काफी परेशान हैं। उन्हें सोमवार रात दो बजे उठाया गया और मंगलवार दोपहर छोड़ा गया। इस लापरवाही पर बक्सर एसपी शुभम आर्य ने संज्ञान लिया है। उन्होंने डुमरांव डीएसपी को मामले की जांच सौंपी है। एसपी ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की इस हरकत से गांव के लोगों में भी काफी रोष है।
