Bihar News: राज्य की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल एक बार फिर खुल गई है। मोतिहारी जिले में लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ संग्रामपुर सीएचसी में खांसी और सीने में दर्द का इलाज कराने आए एक मरीज को रेबीज (कुत्ता काटने) का इंजेक्शन लगा दिया गया। इस घटना के बाद से स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची हुई है।
सिविल सर्जन ने की मौके पर जांच
मामला उजागर होते ही मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (सीएस) रविभूषण श्रीवास्तव एक्शन में आ गए। उन्होंने मंगलवार को अस्पताल पहुंचकर मामले की गहन जांच की। सीएस ने एक-एक कर्मचारी से पूछताछ की। उन्होंने पता लगाया कि मरीज का पुर्जा किसने काटा और दवा किसने लिखी। जांच में सामने आया कि पुर्जे पर प्रभारी डॉक्टर का नाम था, लेकिन उन्होंने मरीज की जांच नहीं की थी। यह घटना Bihar News की सुर्खियों में छाई हुई है।
चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ने दी सुई
जांच के दौरान एक और बड़ा खुलासा हुआ। मरीज को इंजेक्शन किसी नर्स या डॉक्टर ने नहीं, बल्कि एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ने लगाया था। सीएस ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया है। उन्होंने साफ कहा कि जांच जारी है और जो भी कर्मचारी दोषी पाया जाएगा, उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। सरकारी अस्पताल में ऐसी गलती मरीजों की जान पर भारी पड़ सकती है।
प्रभारी डॉक्टर ने बताया साजिश
दूसरी ओर, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पंकज कुमार ने इसे अपने खिलाफ साजिश बताया है। उनका कहना है कि वह अस्पताल में चल रही गड़बड़ियों को रोकने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल के आसपास कई अवैध क्लीनिक और पैथोलॉजी सेंटर चल रहे हैं। वह इन पर कार्रवाई करने वाले थे, इसलिए उन्हें फंसाया जा रहा है। सीएस ने भी माना है कि अवैध क्लीनिकों पर जल्द छापेमारी होगी।
