Bihar News: बिहार के पटना जिले के मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चर्चित बाहुबली दुलारचंद यादव की गुरुवार को हत्या कर दी गई। वह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मोकामा से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्षी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे। दुलारचंद का राजनीतिक जीवन काफी चर्चित रहा। वह कभी राष्ट्रीय जनता दल तो कभी जनता दल यूनाइटेड के करीबी रहे।
हत्या की सटीक वजह अभी स्पष्ट नहीं है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। दुलारचंद के राजनीतिक और आपराधिक इतिहास को देखते हुए इस हत्या के कई पहलू सामने आ सकते हैं। स्थानीय लोग इस घटना से सदमे में हैं।
दुलारचंद का राजनीतिक सफर
दुलारचंद यादव ने अपने राजनीतिक करियर में कई पार्टियों के साथ काम किया। वह राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे। बाद में वह जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष नीतीश कुमार के समर्थक बने। 2022 के मोकामा उपचुनाव में उन्होंने बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को समर्थन दिया था।
नीलम देवी राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव जीती थीं। दुलारचंद बाढ़ और मोकामा के टाल इलाके में खासा प्रभाव रखते थे। यादव समाज के लोगों में वे काफी लोकप्रिय थे। उनकी छवि एक दबंग नेता की थी।
आपराधिक इतिहास
दुलारचंद यादव का आपराधिक इतिहास भी रहा। हत्या, अपहरण और रंगदारी के अलग-अलग मामलों में वे आरोपी रहे। वह जेल भी गए। जून 2019 में पटना पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। जमीन कब्जा, रंगदारी और फायरिंग जैसे मामले उनके खिलाफ दर्ज थे।
1991 में कांग्रेस नेता सीताराम सिंह की हत्या के मामले में भी दुलारचंद आरोपी रहे। इस केस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में पुलिस ने नीतीश कुमार और दुलारचंद पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था।
सीताराम सिंह हत्याकांड
1991 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव के दौरान बाढ़ के पंडारक स्थित मतदान केंद्र पर सीताराम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में नीतीश कुमार, दुलारचंद यादव समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मामला करीब डेढ़ दशक बाद 2009 में फिर चर्चा में आया।
बाढ़ कोर्ट ने नीतीश कुमार को आरोपी बनाकर केस चलाने की अनुमति दी। इस फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। 2019 में नीतीश कुमार इस मामले में बरी हो गए। अगले साल सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें राहत दे दी।
राजनीतिक विवाद
2017 में जब नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़कर लालू यादव से अलग हुए तो यह मामला फिर उठा। राजद ने नीतीश को हत्या केस का आरोपी बताते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की। माना जाता है कि दुलारचंद यादव ने ही इस केस की जानकारी राजद के नेताओं को दी थी।
दुलारचंद ने बाढ़ और मोकामा के टाल क्षेत्र में लालू प्रसाद यादव के लिए राजनीतिक जमीन मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। एक समय में वह राजद के सक्रिय कार्यकर्ता रहे। कई चुनावों में उन्होंने राजद के लिए प्रचार भी किया।
वर्तमान राजनीतिक स्थिति
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में दुलारचंद जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार कर रहे थे। प्रशांत किशोर की इस पार्टी ने बिहार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। मोकामा सीट पर चुनावी रणनीति के लिए दुलारचंद का समर्थन महत्वपूर्ण माना जा रहा था।
उनकी हत्या ने मोकामा की राजनीति में नई उथल-पुथल पैदा कर दी है। चुनावी माहौल पर इसके गहरे प्रभाव की आशंका है। स्थानीय नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। पुलिस ने हत्या के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
