शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

बिहार विधायक: आरजेडी नेता आलोक मेहता को जनता के गुस्से का सामना, उलटे पैर भागे वापिस

Share

Samastipur News: बिहार में चुनावी रणनीति के तहत नेता जनसंपर्क शुरू कर चुके हैं। इसी क्रम में आरजेडी विधायक आलोक कुमार मेहता को उजियारपुर में जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा। वे रायपुर पंचायत के आईटीआई महादलित टोला में लोगों से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान क्षेत्र के लोगों ने उनके काम को लेकर आक्रोश जताया। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि विधायक को वापस लौटना पड़ा।

एक व्यक्ति ने जोरदार शब्दों में विधायक को उनके कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया। उसने कहा कि पंद्रह साल में क्षेत्र का कोई विकास नहीं हुआ है। उसने आरोप लगाया कि विधायक चुनाव के समय ही वोट मांगने पहुंचते हैं। पांच साल तक वे लोगों की समस्याओं को सुनने नहीं आते। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

यह भी पढ़ें:  महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में रहस्यमय ढंग से जोड़े गए थे 40 लाख मतदाता; राहुल गांधी का EC पर बड़ा हमला

वीडियो वायरल होने पर विधायक की प्रतिक्रिया

वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि विधायक आलोक मेहता लगातार लोगों से वीडियो न बनाने का आग्रह कर रहे हैं। वे काफी असहज नजर आ रहे हैं। आसपास मौजूद लोग उनकी इस मांग को नजरअंदाज करते हुए रिकॉर्डिंग जारी रखते हैं। अंततः विधायक को बिना किसी औपचारिकता के स्थान छोड़ना पड़ता है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं काफी तीखी हैं।

आलोक मेहता आरजेडी के एक वरिष्ठ और प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। उनके पिता तुलसीदास मेहता भी क्षेत्र के एक जाने-माने नेता थे। महागठबंधन की सरकारों में आलोक मेहता को लगातार महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी मिलती रही है। वे भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री और बाद में शिक्षा मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल प्रदेश: बिजली मित्र भर्ती की घोषणा, स्टाफ की कमी को दूर करेगी सरकार

राजनीतिक पृष्ठभूमि और महत्व

उजियारपुर विधानसभा सीट पर आलोक मेहता का पारिवारिक और राजनीतिक प्रभाव लंबे समय से रहा है। उनके पिता ने भी इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साथ उनके करीबी संबंधों के चलते उन्हें पार्टी के अंदर विशेष स्थान प्राप्त है। यह घटना चुनाव से पहले की राजनीतिक रणनीति पर सवाल खड़े करती है।

बिहार में विधानसभा चुनाव की अभी तक कोई आधिकारिक तिथि घोषित नहीं हुई है। लेकिन सभी प्रमुख दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। नेता अब अपने-अपने क्षेत्रों में जनसंपर्क के लिए पहुंच रहे हैं। इस घटना से स्पष्ट है कि जनता इस बार विकास के मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपना रही है। यह घटना आने वाले चुनावी माहौल के लिए एक अहम संकेत मानी जा रही है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News