Bihar News: बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। बलिया के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए हैं। उन्होंने पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी से इस्तीफा दे दिया। राजद नेता तेजस्वी यादव ने देर रात मोकामा के इस बाहुबली नेता को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
मोकामा सीट पर कड़ा मुकाबला होने के आसार
इस राजनीतिक कदम से मोकामा विधानसभा सीट पर सीधा और कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं। सूरजभान सिंह की पत्नी और पूर्व सांसद वीणा देवी को मोकामा से अनंत सिंह के खिलाफ राजद का टिकट मिल सकता है। सूरजभान सिंह का मोकामा से पुराना और कद्दावर कनेक्शन रहा है। इससे चुनावी समीकरणों पर गहरा असर पड़ सकता है।
सूरजभान सिंह का राजनीतिक सफर
सूरजभान सिंह ने वर्ष 2000 में जेल में रहते हुए मोकामा से निर्दलीय विधायक का चुनाव जीता था। उन्होंने तब की राबड़ी देवी सरकार के कद्दावर मंत्री दिलीप सिंह को बड़े अंतर से हराया था। वर्ष 2004 में वह रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी से बेगूसराय जिले की बलिया सीट से सांसद बने। उनके परिवार में तीन पूर्व सांसद हैं।
परिवार की राजनीतिक पहुंच
सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी वर्ष 2014 में मुंगेर लोकसभा सीट से लोजपा के टिकट पर सांसद बनीं। उनके भाई चंदन सिंह वर्ष 2019 में नवादा लोकसभा सीट से लोजपा के सांसद बने। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पशुपति पारस की पार्टी पर छाए राजनीतिक संकट के कारण परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ पाया था।
मोकामा सीट का बदलता राजनीतिक इतिहास
मोकामा सीट पर बाहुबली अनंत सिंह का दबदबा रहा है। अनंत सिंह इस सीट से लगातार पांच बार विधायक बने। एक बार उनकी पत्नी नीलम देवी विधायक बनीं। अनंत सिंह ने यह सीट पहली तीन बार जनता दल यूनाइटेड से जीती। फिर एक बार निर्दलीय और 2020 में राजद के टिकट पर चुनाव जीता।
नीलम देवी का पाला बदलना
अनंत सिंह के सजायाफ्ता होने के कारण खाली हुई सीट पर 2022 के उप-चुनाव में पत्नी नीलम देवी भी राजद से जीती थीं। लेकिन 2024 में नीतीश कुमार के एनडीए में लौटने पर उन्होंने पाला बदल लिया था। अब सूरजभान के परिवार की एंट्री से मोकामा का सियासी मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। इस सीट पर कड़ा संघर्ष देखने को मिल सकता है।
