शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

बिहार चुनाव: पहले चरण में रिकॉर्ड 64.69% मतदान, सत्ता बदलाव या सरकार वापसी? जानें क्या कहते हैं संकेत

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Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान हुआ है। गुरुवार को हुए मतदान में 64.69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। यह आंकड़ा 2020 के चुनाव से आठ प्रतिशत अधिक है। पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान हुआ।

इस बार 2.42 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाला। यह संख्या पिछले चुनाव से 36 लाख अधिक है। बिहार के चुनावी इतिहास में यह पहली बार है जब पहले चरण में इतनी अधिक मतदान हुई है। मतदान के इस उत्साह ने राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चा तेज कर दी है।

बंपर वोटिंग के राजनीतिक मायने

राजनीतिक गलियारों में उच्च मतदान पर चर्चा जोरों पर है। विशेषज्ञ इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या यह बदलाव का संकेत है। भारत के चुनावी इतिहास में उच्च मतदान अक्सर बदलाव से जुड़ा रहा है। हालांकि हर बार ऐसा हो यह जरूरी नहीं है।

कई बार भारी मतदान के बाद भी मौजूदा सरकारें वापस आई हैं। इसलिए अभी स्पष्ट रूप से कुछ कहना मुश्किल है। मतदाताओं के मूड का सही अंदाजा 14 नवंबर को नतीजे आने के बाद ही लग पाएगा। दोनों ही दावों के लिए ऐतिहासिक उदाहरण मौजूद हैं।

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उच्च मतदान और सरकार वापसी के उदाहरण

मध्य प्रदेश के 2023 विधानसभा चुनाव में 77 प्रतिशत मतदान हुआ था। यह पिछले चुनाव से दो प्रतिशत अधिक था। चुनाव परिणामों में भाजपा को बहुमत मिला और सरकार ने वापसी की। इसी तरह ओडिशा के 2014 विधानसभा चुनाव में भी उच्च मतदान देखा गया।

ओडिशा में मतदान 8.35 प्रतिशत बढ़कर 73.65 प्रतिशत हो गया था। नतीजे सत्ताधारी बीजेडी के पक्ष में आए। गुजरात के 2012 विधानसभा चुनाव में भी 11.53 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ। तब भाजपा सरकार ने वापसी की थी।

बिहार में पहले भी देखा गया है यह ट्रेंड

बिहार के 2010 विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही हुआ था। उस समय मतदान में 6.82 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। चुनाव परिणामों में जेडीयू गठबंधन सरकार ने वापसी की थी। इसलिए उच्च मतदान हमेशा सत्ता परिवर्तन का संकेत नहीं देता।

कई बार मतदाता मौजूदा सरकार के कामकाज से संतुष्टि जताने भी उमड़ पड़ते हैं। विकास के मुद्दे और सामाजिक सद्भाव जैसे कारक भी मतदान को प्रभावित करते हैं। बिहार में इस बार कई नए मुद्दे चुनावी समीकरण में शामिल हैं।

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उच्च मतदान और सत्ता परिवर्तन के मामले

राजस्थान के 2023 विधानसभा चुनाव में 74.45 प्रतिशत मतदान हुआ। यह पिछले चुनाव से 0.39 प्रतिशत अधिक था। नतीजों में सत्ता परिवर्तन हुआ और कांग्रेस सरकार बाहर हो गई। तमिलनाडु के 2011 विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही देखने को मिला।

तमिलनाडु में मतदान 7.19 प्रतिशत बढ़ा और डीएमके गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा। एआईएडीएमके गठबंधन ने सरकार बनाई। इससे साफ है कि उच्च मतदान के अलग-अलग नतीजे हो सकते हैं।

बिहार के लिए क्या कहता है इतिहास

बिहार में इस बार मतदान का रुझान दिलचस्प है। पहले चरण में महिला मतदाताओं ने भी खूब वोट डाले। युवा मतदाताओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में जोरदार प्रयास किए थे।

चुनाव आयोग ने भी मतदान को सुचारू बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए थे। इसका सकारात्मक असर मतदान प्रतिशत पर देखने को मिला। अब सभी की नजरें दूसरे चरण के मतदान और अंतिम नतीजों पर टिकी हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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