शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

बिहार चुनाव: प्रशांत किशोर ने ओवैसी को दी ‘बिन मांगी सलाह’, कहा- सीमांचल आकर भ्रम न पैदा करें

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Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को सीमांचल में दखल देने के बजाय अपने हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। किशोर ने स्पष्ट कहा कि सीमांचल के बेटे को ही सीमांचल का नेता होना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि यहां के मुसलमान 2020 वाली गलती दोबारा नहीं दोहराएंगे।

प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में ओवैसी को अपना दोस्त बताया। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी बिन मांगी सलाह है कि ओवैसी हैदराबाद संभालें। उन्होंने कहा कि ओवैसी को हैदराबाद में अपने गढ़ की रक्षा करनी चाहिए। सीमांचल आकर अनावश्यक भ्रम पैदा नहीं करना चाहिए। किशोर ने यह टिप्पणी एआईएमआईएम द्वारा बिहार चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद की।

2020 के चुनाव का सबक

प्रशांत किशोर ने अपने बयान में 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र किया। एआईएमआईएम ने उस चुनाव में पांच सीटें जीती थीं। लेकिन बाद में पार्टी के पांच में से चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए। इस घटना ने सीमांचल क्षेत्र में एआईएमआईएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए। किशोर का इशारा इसी राजनीतिक अनुभव की ओर था।

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किशोर ने कहा कि ओवैसी बहुत सम्मानित नेता हैं और पढ़े-लिखे भी हैं। लेकिन उन्हें हैदराबाद में ही रहने देना चाहिए। हैदराबाद से किसी नेता को सीमांचल में बिठाने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने स्थानीय नेतृत्व पर जोर देते हुए स्पष्ट संदेश दिया कि सीमांचल को बाहरी नेताओं की जरूरत नहीं है।

एआईएमआईएम की तैयारियां

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 25 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इस सूची में सीवान से मोहम्मद कैफ, गोपालगंज से अनस सलाम और किशनगंज से एडवोकेट शम्स आगाज़ शामिल हैं। मधुबनी से राशिद खलील अंसारी और अररिया से मोहम्मद मंज़ूर आलम भी पार्टी के उम्मीदवार हैं। पार्टी सीमांचल क्षेत्र में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है।

बिहार की राजनीति में सीमांचल क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। इस क्षेत्र में मतदाताओं का बड़ा हिस्सा मुस्लिम समुदाय से आता है। 2020 के चुनाव में एआईएमआईएम ने इसी क्षेत्र में अपनी सफलता हासिल की थी। लेकिन विधायकों के दल बदलने के बाद पार्टी को गंभीर झटका लगा था। अब पार्टी इस नुकसान की भरपाई करना चाहती है।

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प्रशांत किशोर का अपना राजनीतिक दल जन सुराज भी बिहार चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाएगा। किशोर पूरे राज्य में अपनी पार्टी का संगठन मजबूत कर रहे हैं। उनकी यह टिप्पणी बिहार की जटिल राजनीति में उनकी रणनीति का संकेत देती है। विश्लेषकों का मानना है कि सीमांचल में मुस्लिम मतदाताओं के बीच एआईएमआईएम और आरजेडी के बीच सीधी टक्कर हो सकती है।

बिहार में चुनावी रणनीति तेजी से बदल रही है। प्रशांत किशोर का बयान इस बदलाव का प्रतीक है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग दलों की तैयारियां जोरों पर हैं। चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक बयानबाजी और तीखी होने की उम्मीद है। सभी दल अपने-अपने समीकरणों में व्यस्त हैं।

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