Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जदयू के वरिष्ठ नेता गोपाल मंडल ने बड़ा राजनीतिक ड्रामा खड़ा कर दिया है। वह मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर प्रदर्शन के लिए बैठ गए। गोपालपुर के विधायक ने साफ कहा कि सीएम से मुलाकात किए बिना वह वहां से नहीं जाएंगे।
उन्हें टिकट कटने की आशंका के बीच सीधी मुलाकात की जिद है। स्थानीय मीडिया के अनुसार उन्हें मिलने का समय नहीं मिला तो वह सीएम हाउस के बाहर धरने पर बैठ गए। यह घटना एनडीए में सीट शेयरिंग के ऐलान के बाद सामने आई है।
सीएम आवास के बाहर जमा डेरा
गोपाल मंडल अपने कुछ समर्थकों के साथ पटना में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि जब तक उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा वे वहां से नहीं हटेंगे। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री से सीधी मुलाकात की इच्छा जताई है। मंडल ने कहा कि जब खबर नीतीश कुमार तक पहुंचेगी वे जरूर मिलेंगे।
गोपालपुर विधानसभा के विधायक गोपाल मंडल पार्टी के भीतर अपनी खुली बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं। वह अक्सर विवादास्पद टिप्पणियों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। इस समय चुनावी माहौल में उनकी यह हरकत राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
चुनाव पूर्व सियासी हलचल
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पार्टियां और नेता जमकर चुनाव प्रचार में जुटे हैं। सीट शेयरिंग को लेकर रूठने-मनाने का दौर भी चल रहा है। दिल्ली से लेकर पटना तक लगातार बैठकें हो रही हैं। इस बीच लाव-लश्कर के साथ नामांकन के लिए उम्मीदवार निकल रहे हैं।
अनंत सिंह भी मंगलवार को अपने भव्य काफिले और लग्जरी गाड़ियों के साथ नामांकन करने गए। इससे राजनीतिक माहौल और गरमा गया है। टिकट कटने की आशंका से नाराज विधायक भी जोड़-तोड़ लगाने में जुटे हैं। हर पार्टी में टिकट को लेकर असंतोष देखने को मिल रहा है।
एनडीए में सीट शेयरिंग
एनडीए गठबंधन में सीट शेयरिंग के ऐलान के बाद भी बवाल थमता नहीं दिख रहा है। कई नेता टिकट न मिलने पर नाराजगी जता रहे हैं। गोपाल मंडल का प्रदर्शन इसी असंतोष का नतीजा है। गठबंधन साझेदारों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर मतभेद सामने आए हैं।
राज्य में चुनावी रणनीति को लेकर सभी दल सक्रिय हैं। हर पार्टी अपने मजबूत उम्मीदवारों को टिकट देने की कोशिश कर रही है। इस प्रक्रिया में कई पुराने विधायकों के टिकट कटने की आशंका बनी हुई है। यही चिंता गोपाल मंडल जैसे नेताओं को प्रदर्शन पर उतरने को मजबूर कर रही है।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव से पहले ऐसे प्रदर्शन आम बात हैं। टिकट बंटवारे के दौरान हर पार्टी में असंतोष देखने को मिलता है। गोपाल मंडल का यह कदम उनकी मजबूत स्थानीय पकड़ को दर्शाता है। वह अपनी मांगों को लेकर गंभीर दिख रहे हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी नेतृत्व इस मामले को कैसे संभालती है। गोपाल मंडल जैसे दबंग नेताओं को मनाना पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आने वाले दिनों में और भी नेता ऐसे प्रदर्शन कर सकते हैं। चुनावी माहौल और गरमा सकता है।
