Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के एक बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने एक रैली में मुस्लिम समुदाय को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की। इस पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है।
कांग्रेस ने गिरिराज सिंह को मानसिक रूप से अस्व्थ घोषित करने की मांग की। पार्टी ने कहा कि ऐसे बयान सामाजिक सौहार्द के लिए ठीक नहीं हैं। इस बयान ने चुनावी राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों ने इसकी कड़ी आलोचना की है।
रैली में दिया था विवादास्पद बयान
गिरिराज सिंह ने एक चुनावी रैली में अपनी बात रखी। उन्होंने एक मौलवी के साथ हुई बातचीत का जिक्र किया। मंत्री ने बताया कि उन्होंने मौलवी से आयुष्मान कार्ड के बारे में पूछा। मौलवी ने बताया कि उन्हें कार्ड मिला है और कोई भेदभाव नहीं हुआ।
गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि जब उन्होंने वोट के बारे में पूछा तो मौलवी ने हां कहा। लेकिन खुदा की कसम खाने को कहने पर वह चुप हो गए। इस अनुभव को साझा करते हुए मंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसे लोगों के वोट नहीं चाहिए।
कांग्रेस ने किया जोरदार हमला
गिरिराज सिंह के बयान पर कांग्रेस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे बयान देना चिंताजनक है। उन्होंने मंत्री को मानसिक रूप से अस्वस्थ घोषित करने की मांग की। कांग्रेस ने इस बयान को साम्प्रदायिक सौहार्य के खिलाफ बताया।
विपक्ष ने कहा कि यह बयान चुनावी लाभ के लिए दिया गया है। ऐसे विवादास्पद बयानों से समाज में तनाव पैदा होता है। कांग्रेस ने भाजपा पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया।
गिरिराज सिंह ने दिया जवाब
विवाद बढ़ने के बाद गिरिराज सिंह ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुफ्त में सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। लेकिन वोट के समय भेदभाव करते हैं। मंत्री ने कहा कि इस्लाम में मुफ्त खाना हराम है।
उन्होंने पूछा कि क्या यह लोग पांच किलो राशन नहीं ले रहे। क्या हिंदू और मुसलमान दोनों को प्रधानमंत्री आवास नहीं मिले। गिरिराज सिंह ने शौचालय, नल जल और गैस सिलेंडर जैसी योजनाओं का उदाहरण दिया।
बुर्का प्रथा पर भी दिए बयान
गिरिराज सिंह ने बुर्का प्रथा को लेकर भी अपनी राय रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में कानून किसी धर्म के हिसाब से नहीं चलेगा। देश का संविधान सभी नागरिकों के लिए समान है। मतदान भी कानून के अनुसार ही होगा।
मंत्री ने कहा कि वे उन लोगों से पूछना चाहते हैं जो हाय तौबा मचा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि वे इतने चिंतित क्यों हैं। गिरिराज सिंह ने अपने बयानों पर किसी तरह की नरमी नहीं दिखाई।
चुनावी माहौल पर प्रभाव
यह विवाद बिहार के चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकता है। राज्य में सामाजिक समरसता एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। दोनों पक्ष अपने-अपने वोट बैंक को लामबंद करने में जुटे हैं। यह बयानबाजी चुनाव प्रचार का हिस्सा बन गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे बयानों से सियासी तापमान बढ़ेगा। चुनाव आयोग भी इस मामले पर नजर रख सकता है। आगामी दिनों में और भी ऐसे विवाद देखने को मिल सकते हैं।
