शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

बिहार चुनाव 2025: एनडीए के संकल्प पत्र पर मनोज झा का तीखा हमला, कहा- तेजस्वी यादव की नकल

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Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणनीति तेजी से बदल रही है। एनडीए ने अपना संकल्प पत्र जारी किया, तो विपक्ष ने तुरंत जवाबी हमला बोल दिया। आरजेडी सांसद मनोज झा ने एनडीए पर तेजस्वी यादव के घोषणापत्र की नकल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एनडीए ने रोजगार, महिलाओं और किसानों के लिए जो वादे किए, वह पहले से महागठबंधन का एजेंडा है।

मनोज झा ने कहा कि बिहार के लोग असली और नकली में फर्क समझते हैं। उन्होंने एनडीए के इरादों पर सवाल उठाए। झा ने दावा किया कि बीजेपी बिना नीयत और दृष्टि के तेजस्वी यादव की योजनाओं की आधी-अधूरी नकल कर रही है। यह बयान चुनावी माहौल को और गर्मा देगा।

बिहार को गुजरात जैसा दर्जा क्यों नहीं?

मनोज झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सीधा निशाना साधा। उन्होंने केंद्र सरकार के रवैये को दोहरा बताया। झा ने सवाल किया कि गुजरात को निवेश मिलता है जबकि बिहार से सिर्फ मजदूर जाते हैं। उन्होंने मांग की कि बिहार को भी गुजरात के बराबर अहमियत और निवेश मिलना चाहिए।

आरजेडी सांसद ने जोर देकर कहा कि बिहार के युवा अब मजदूर नहीं, निर्माता बनना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बिहार को बराबरी का हक नहीं मिला तो एनडीए का संकल्प पत्र महज भाषणबाजी साबित होगा। यह मुद्दा चुनाव में केंद्रीय भूमिका निभा सकता है।

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बिहार की अस्मिता का चुनाव

मनोज झा ने इस चुनाव को सत्ता से परे बताया। उन्होंने इसे बिहार की अस्मिता और आत्मसम्मान की लड़ाई करार दिया। झा ने कहा कि बिहार ने देश के विकास में सबसे बड़ा योगदान दिया है। फिर भी उसे हमेशा दूसरे दर्जे का समझा गया।

उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि केंद्र और राज्य की सरकारें बिहार को बराबरी का दर्जा दें। इस बयान से साफ है कि महागठबंधन अपने अभियान को क्षेत्रीय गौरव से जोड़ रहा है। यह रणनीति मतदाताओं को भावनात्मक स्तर पर संबोधित करती है।

महागठबंधन के एजेंडे पर मनोज झा का जोर

मनोज झा ने महागठबंधन के एजेंडे को जनता का विजन बताया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का फोकस बिहार के असली मुद्दों पर है। इनमें रोजगार सृजन, शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं और औद्योगिक विकास शामिल हैं।

झा ने दोहराया कि एनडीए अगर सचमुच बिहार का विकास चाहती है तो उसे इस भेदभावपूर्ण रवैये को तुरंत बदलना होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि वरना एनडीए का घोषणापत्र महज कागजी वादा साबित होगा। यह टकराव चुनाव प्रचार का केंद्रीय विषय बना हुआ है।

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रोजगार और विकास पर राजनीतिक बहस

बिहार चुनाव 2025 में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभर रहा है। दोनों गठबंधन युवाओं को रोजगार के वादे कर रहे हैं। मनोज झा का आरोप है कि एनडीए ने महागठबंधन के एजेंडे की नकल की है। इससे साफ है कि यह मुद्दा मतदाताओं तक पहुंच बना रहा है।

तेजस्वी यादव पहले ही युवाओं के लिए रोजगार योजनाओं का वादा कर चुके हैं। अब एनडीए ने भी इसी दिशा में प्रस्ताव रखे हैं। इससे चुनावी प्रतिस्पर्धा और तीखी हुई है। दोनों दल बिहार के विकास के अपने-अपने मॉडल पेश कर रहे हैं।

बिहार के भविष्य की दिशा

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव बिहार के भविष्य की दिशा तय करेगा। मनोज झा के बयान से पता चलता है कि महागठबंधन केंद्र सरकार के रवैये को चुनौती दे रहा है। वे बिहार के साथ हो रहे भेदभाव को मुद्दा बना रहे हैं।

एनडीए ने अपने संकल्प पत्र में किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए कई घोषणाएं की हैं। लेकिन विपक्ष का कहना है कि ये वादे जमीन पर उतरते नहीं दिखते। अब देखना है कि मतदाता किसके वादों पर भरोसा करते हैं। चुनाव नतीजे ही इस बहस का अंतिम फैसला करेंगे।

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