Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों की गिनती में विपक्ष के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव ने अपने पारिवारिक गढ़ रघोपुर से बढ़त बना ली है। शुरुआती रुझानों में राजद नेता को इस सीट पर अग्रणी स्थान मिला है। तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि महागठबंधन सरकार बनाएगा और बदलाव आएगा।
रघोपुर सीट राजद का पारंपरिक गढ़ माना जाता है। अतीत में तेजस्वी के पिता और राजद संस्थापक लालू प्रसाद यादव और मां राबड़ी देवी ने इस सीट को अपने पास रखा है। तेजस्वी यादव साल 2015 से लगातार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2020 के चुनाव में उन्होंने इस सीट पर 38,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की थी।
रघोपुर सीट का चुनावी महत्व
इस बार भारतीय जनता पार्टी ने सतीश कुमार यादव को रघोपुर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। सतीश यादव ने 2010 के चुनाव में जदयू के उम्मीदवार के रूप में राबड़ी देवी को हराया था। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने भी रघोपुर सीट पर अपना उम्मीदवार उतारा है।
दिलचस्प बात यह है कि तेजस्वी यादव के चुनौती देने वाले उम्मीदवारों में जनशक्ति जनता दल के प्रेम कुमार भी शामिल हैं। इस पार्टी की स्थापना तेजस्वी के अलग हुए भाई तेज प्रताप यादव ने की है। इससे पारिवारिक प्रतिद्वंद्विता के नए आयाम सामने आए हैं।
तेजस्वी का आत्मविश्वास
छत्तीस वर्षीय राजद नेता तेजस्वी यादव ने मतगणना से पहले ही जीत का दावा करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि यह जनता की जीत होगी और बदलाव आएगा। उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन सरकार बनाने जा रहा है। तेजस्वी इस चुनाव में विपक्ष के मुख्यमंत्री पद के face हैं।
रघोपुर सीट हर चुनाव में चर्चा का केंद्र बनी रहती है क्योंकि इसे राजद की सबसे सुरक्षित सीट माना जाता है। यह सीट पार्टी के मुख्य चेहरे के लिए आरक्षित रहती है। इस बार चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने चर्चा शुरू कर दी थी जब उन्होंने कहा था कि वह रघोपुर से चुनाव लड़ सकते हैं।
प्रशांत किशोर का रुख
बाद में प्रशांत किशोर ने घोषणा की कि जन सुराज नेताओं ने तय किया कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए और इसके बजाय राज्यव्यापी अभियान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा पैदा की थी। जन सुराज पार्टी ने रघोपुर सहित कई सीटों पर चुनाव लड़ा है।
रघोपुर सीट के नतीजे पूरे बिहार के चुनावी समीकरणों के लिए अहम माने जा रहे हैं। तेजस्वी यादव का इस सीट पर बने रहना महागठबंधन के लिए मनोबल बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। सभी की नजरें इस सीट के अंतिम नतीजे पर टिकी हुई हैं।
