Patna News: बिहार विधानसभा चुनावों के लिए अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है। चुनाव आयोग अगले सप्ताह चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। यह अपडेटेड सूची बाईस वर्षों के बाद हुए विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद जारी की गई है। राज्य की विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
चुनाव आयोग चार और पांच अक्टूबर को पटना का दौरा करेगा। इस दौरान चुनावी तैयारियों का जायजा लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अगले सप्ताह होने की पूरी संभावना है। पहले चरण का मतदान अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में हो सकता है।
ड्राफ्ट मतदाता सूची एक अगस्त को जारी की गई थी। इसमें सात करोड़ चौबीस लाख मतदाताओं के नाम शामिल थे। एक सितंबर तक आम लोगों और राजनीतिक दलों से दावे और आपत्तियां आमंत्रित की गईं। इस प्रक्रिया के बाद अंतिम सूची तैयार की गई है।
कैसे चेक करें अपना नाम
मतदाता अपना नाम अंतिम सूची में ऑनलाइन चेक कर सकते हैं। इसके लिए चुनाव आयोग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर ‘Search in Electoral Roll’ का विकल्प दिखाई देगा। इस पर क्लिक करने के बाद अपना नाम, जन्म तिथि और पिता या पति का नाम दर्ज करना होगा। सबमिट करते ही पता चल जाएगा कि नाम सूची में है या नहीं।
क्या है विशेष गहन पुनरीक्षण
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया जून में शुरू हुई थी। इस दौरान सात करोड़ नब्बे लाख से अधिक मतदाताओं से दोबारा फॉर्म भरने को कहा गया था। ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद लगभग पैंसठ लाख नाम काटे गए। ये नाम उन मतदाताओं के थे जो या तो अब इस दुनिया में नहीं हैं या फिर उनका पता बदल गया है।
चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव और कुछ राज्यों में उपचुनावों के लिए चार सौ सत्तर पर्यवेक्षकों की तैनाती की है। तीन अक्टूबर को सामान्य, पुलिस और पर्यवेक्षकों की एक ब्रीफिंग भी आयोजित की जाएगी। यह बैठक चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
बिहार में पिछला विधानसभा चुनाव साल दो हज़ार बीस में हुआ था। यह चुनाव तीन चरणों में संपन्न हुआ था। इस बार भी चुनाव कई चरणों में होने की संभावना है। छठ पर्व को ध्यान में रखते हुए मतदान तिथियां तय की जा रही हैं।
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को अद्यतन बनाने पर विशेष ध्यान दिया है। इसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाना है। नई सूची में केवल पात्र मतदाताओं के नाम ही शामिल किए गए हैं। इससे धांधली की संभावना कम होगी।
राजनीतिक दल चुनावी रणनीति पर अंतिम चर्चा कर रहे हैं। मतदाता सूची जारी होने के बाद दल अपने समर्थकों से संपर्क बढ़ाएंगे। हर पार्टी चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए पूरी ताकत झोंक देगी। बिहार का यह चुनाव राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
