Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। दो सौ तैंतालीस सीटों में से गठबंधन को दो सौ दो सीटों पर जीत मिली। भारतीय जनता पार्टी एक सौ एक सीटों पर चुनाव लड़ी और नवासी सीटों पर जीत दर्ज की। पार्टी का स्ट्राइक रेट अट्ठासी प्रतिशत रहा। ये चुनाव परिणाम बिहार की राजनीति में नए बदलाव का संकेत देते हैं।
बारह सीटों पर पार्टी को करीबी अंतर से हार का सामना करना पड़ा। रामगढ़ सीट पर पार्टी महज तीस वोटों से चुनाव हार गई। ढाका सीट पर एक सौ अठहत्तर वोटों का अंतर रहा। फारबिसगंज सीट पर दो सौ इक्कीस वोटों से हार मिली। ये करीबी मुकाबले चुनाव का रोमांच बढ़ा गए।
सीमांचल क्षेत्र में चार हार
सीमांचल क्षेत्र में भाजपा को चार सीटों पर हार मिली। फारबिसगंज सीट पर विद्या सागर केशरी दो सौ इक्कीस वोटों से हारे। किशनगंज में स्वीटी कुमारी बारह हजार सात सौ चौरानवे वोटों से पराजित हुईं। बायसी सीट पर सत्ताईस हजार दो सौ इक्यावन वोटों के अंतर से जीत एआईएमआईएम को मिली। कोचाधामन सीट पर सैंतीस हजार दो वोटों का अंतर रहा।
यह सीट पार्टी की सबसे बड़ी हार साबित हुई। इस क्षेत्र में एआईएमआईएम ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की। सीमांचल के मतदाताओं ने अपनी राय स्पष्ट कर दी। क्षेत्रीय राजनीति में यह बदलाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मिथिला-कोसी क्षेत्र की हार
मिथिला-कोसी क्षेत्र में दो सीटों पर पार्टी को हार मिली। बिस्फी सीट पर हरिभूषण ठाकुर आठ हजार एक सौ सात वोटों से हारे। सहारसा सीट पर दो हजार अड़तीस वोटों के अंतर से जीत आईआईपी को मिली। ये दोनों सीटें महागठबंधन के खाते में गईं। इस क्षेत्र में विपक्षी एकता का असर साफ देखा जा सकता है।
मिथिला क्षेत्र में पार्टी का प्रदर्शन समग्र परिणाम के मुकाबले कमजोर रहा। स्थानीय मुद्दों ने यहां मतदाताओं के फैसले को प्रभावित किया। जातिगत समीकरण और सामाजिक समीकरणों ने इन सीटों पर परिणाम बदल दिए।
अन्य क्षेत्रों में हार
छह सीटों पर पार्टी को अन्य क्षेत्रों में हार मिली। राघोपुर सीट पर सतीश कुमार चौदह हजार पांच सौ बत्तीस वोटों से हारे। चैनपटिया सीट पर उमाकांत सिंह छह सौ दो वोटों से पराजित हुए। गोह सीट पर चार हजार इकतालीस वोटों का अंतर रहा। वारसलीगंज सीट पर सात हजार पांच सौ तैंतालीस वोटों से हार मिली।
इन सीटों पर राजद और कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। बाकी दो सीटों पर बसपा और अन्य दलों ने जीत हासिल की। करीबी मुकाबले ने इन चुनावों को यादगार बना दिया। हर सीट पर मतदाताओं ने अलग रुख अपनाया।
गठबंधन सहयोगियों का प्रदर्शन
एनडीए के अन्य सहयोगी दलों ने शानदार प्रदर्शन किया। जनता दल यूनाइटेड एक सौ एक सीटों में से पचासी सीटों पर जीती। पार्टी का स्ट्राइक रेट चौरासी प्रतिशत रहा। लोक जनशक्ति पार्टी तेईस में से उन्नीस सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा छह में से पांच सीटों पर जीता।
इन सहयोगी दलों के मजबूत प्रदर्शन ने एनडीए की जीत सुनिश्चित की। गठबंधन की रणनीति पूरी तरह सफल रही। सभी दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा और बेहतर परिणाम हासिल किए। बिहार की राजनीति में गठबंधन का महत्व एक बार फिर साबित हुआ।
