Kerala News: केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। उन्होंने भाजपा के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य सी सदानंदन मास्टर को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की सिफारिश की। सदानंदन की मौजूदगी में आयोजित एक कार्यक्रम में गोपी ने यह महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह केरल की राजनीति में ऐतिहासिक बदलाव लाएगा।
सुरेश गोपी ने कहा कि सदानंदन मास्टर का राज्यसभा सदस्य बनना उत्तरी कन्नूर जिले की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उन्हें हटाकर सदानंदन को केंद्रीय मंत्री बनाया जाना चाहिए। गोपी ने इस कदम को केरल के राजनीतिक इतिहास में नए अध्याय के रूप में वर्णित किया।
गोपी ने दी स्पष्ट घोषणा
केंद्रीय पेट्रोलियम और पर्यटन राज्य मंत्री ने कार्यक्रम में साफ शब्दों में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वह पूरी ईमानदारी से सदानंदन मास्टर के मंत्री बनने का समर्थन करते हैं। गोपी ने उम्मीद जताई कि सदानंदन का सांसद कार्यालय जल्द ही मंत्री कार्यालय में बदल जाएगा। यह घोषणा पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच खासी चर्चा का विषय बन गई है।
अभिनेता रहे सुरेश गोपी ने अपने राजनीतिक सफर के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि वह राज्य के सबसे युवा भाजपा सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने अक्टूबर 2016 में ही पार्टी की सदस्यता ली थी। लोकसभा चुनावों में सफलता के बाद पार्टी ने उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया था।
गोपी ने बताई व्यक्तिगत बातें
सुरेश गोपी ने खुलासा किया कि वह कभी मंत्री बनने की इच्छा नहीं रखते थे। उन्होंने अपना फिल्मी करियर छोड़कर राजनीति में आने का फैसला किया। उन्होंने हाल के दिनों में अपनी आय में कमी का भी जिक्र किया। यह बयान उनकी वर्तमान स्थिति पर रोशनी डालता है। गोपी की यह स्पष्टवादिता लोगों के बीच चर्चा का विषय बन रही है।
सदानंदन मास्टर के बारे में जानकारी देते हुए गोपी ने उनके संघर्षों को याद किया। सदानंदन भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और कन्नूर जिले से ताल्लुक रखते हैं। वह राजनीतिक हिंसा के शिकार हुए हैं। साल 1994 में माकपा कार्यकर्ताओं के कथित हमले में उन्होंने अपने दोनों पैर गंवा दिए थे।
सदानंदन का राजनीतिक सफर
सी सदानंदन मास्टर का राजनीतिक जीवन संघर्षों से भरा रहा है। वह लंबे समय से भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। उनकी विकलांगता के बावजूद उन्होंने पार्टी के लिए काम जारी रखा। अब उनका राज्यसभा सदस्य बनना पार्टी के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। सुरेश गोपी ने इस उपलब्धि को विशेष बताया।
सदानंदन के राज्यसभा सदस्य बनने से केरल में भाजपा की स्थिति मजबूत हुई है। उत्तरी कन्नूर जिले में यह बदलाव राजनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। सुरेश गोपी ने इस अवसर पर अपना पद छोड़ने की पेशकश करके बड़ी राजनीतिक पहल की है। अब देखना है कि पार्टी इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लेती है।
