New Delhi News: बुधवार को सोने और चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट देखी गई। रिकॉर्ड ऊंचाई बनाने के बाद दोनों कीमती धातुओं के दाम नीचे आए। इससे गहना खरीदारों को राहत मिली है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर दस ग्राम सोने का भाव एक लाख नौ हज़ार सात सौ उनचास रुपये पर पहुंच गया।
चांदी की कीमत में भी एक दशमलव शून्य सात प्रतिशत की कमी आई। चांदी अब एक लाख सत्ताईस हज़ार चार सौ सैंतीस रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही है। यह गिरावट वैश्विक बाजारों में हुई बदलाव के कारण आई है।
मंगलवार का रिकॉर्ड प्रदर्शन
मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत में उछाल आया था। सोना एक हज़ार आठ सौ रुपये चढ़कर एक लाख पंद्रह हज़ार एक सौ रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। यह नया उच्चतम स्तर था।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार निन्यानवे दशमलव पांच प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत भी बढ़ी। यह एक हज़ार आठ सौ रुपये की वृद्धि के साथ एक लाख चौदह हज़ार छह सौ रुपये पर पहुंच गया। सभी करों को शामिल करने के बाद यह रिकॉर्ड स्तर था।
विश्लेषकों की राय
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कारण बताया। उन्होंने कहा कि कमजोर डॉलर और ब्याज दर में कटौती की उम्मीदों से सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा। डॉलर सूचकांक दस हफ्तों के निचले स्तर पर आ गया था।
इससे कीमती धातुओं की कीमतों में तेजी को बल मिला। मंगलवार को चांदी भी पांच सौ सत्तर रुपये चढ़कर एक लाख बत्तीस हज़ार आठ सौ सत्तर रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। यह सर्वकालिक उच्च स्तर था।
स्थानीय बाजार की स्थिति
स्थानीय सर्राफा बाजार में पिछले कारोबारी सत्र में सोने में गिरावट देखी गई। निन्यानवे दशमलव नौ प्रतिशत शुद्धता वाला सोना पांच सौ रुपये गिरा। यह एक लाख तेरह हज़ार तीन सौ रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ।
निन्यानवे दशमलव पांच प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी पांच सौ रुपये टूटा। यह एक लाख बारह हज़ार आठ सौ रुपये प्रति दस ग्राम पर समाप्त हुआ। सोमवार को चांदी एक लाख बत्तीस हज़ार तीन सौ रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
वैश्विक प्रभाव
वैश्विक बाजारों में डॉलर की कमजोरी का सोने पर सीधा प्रभाव पड़ता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति कीमती धातुओं को प्रभावित करती है। निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं।
आर्थिक अनिश्चितता के समय सोने की मांग बढ़ जाती है। चांदी भी औद्योगिक उपयोग के कारण महत्वपूर्ण है। दोनों धातुओं की कीमतें वैश्विक आर्थिक स्थितियों पर निर्भर करती हैं।
बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है। निवेशक वैश्विक आर्थिक संकेतों पर नजर बनाए हुए हैं। भविष्य में कीमतों में और उतार-चढ़ाव आ सकता है।
