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बुधवार, 27 सितम्बर,2023

नदी-नालों और पहाड़ों में कब्जा कर बना डाली बड़ी बड़ी इमारतें, प्रकृति से जबरदस्ती सभी को पड़ी भारी

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Kullu News: इस बार मानसून के रूप में आई त्रासदी ने ही आपदा प्रबंधन की सारी पोल खोल दी है। प्रदेश भर में बरसात के दौरान अब तक 350 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि प्रदेश में 12 हजार करोड़ से अधिका का नुकसान हुआ है। भले ही विनाशकारी बाढ़, अत्याधिक बारिश और उफनती नदियां कहर का मुख्य कारण रहा हो, लेकिन आपदा का मुख्य कारण बड़े पैमाने पर वन कटाई, भूमि कटाव, बढ़ता शहरीकरण और पर्यावरण असंतुलन है। पहाड़ी इलाकों में ढांक पर लोगों ने घर बसाए तो वहीं, नदी-नालों के पास अवैध कब्जाकर बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी की जा रही हैं। कुल्लू जिला की बात करें तो यहां पर हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है।

इस त्रासदी में जिला में करीब 40 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जिला कुल्लू में 625 मकान पूरी तरह से आपदा की भेंट चढ़े हैं, जबकि 1590 घरों को भी नुकसान पहुंचा है। जिला में प्राकृतिक आपदा 3409 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा 400 गोशालाएं बाढ़ और भूस्खलन की जद में आई हैं। इसके अलावा 450 किराएदारों को भी बाढ़ से नुकसान पहुंचा है।

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जिला कुल्लू में 22 के करीब गांवों में भूस्खलन के बाद दरारें आई हैं। आज आपदा को 53 दिन बीत गए हैं, लेकिन अभी तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। वहीं, बेघर हुए लोगों को आशियाना दिलाना भी प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार विभिन्न वर्ग का कुल नुकसान 785 करोड़ 96 लाख 88 हजार से अधिक आंका गया है। अभी तक कई जगहों की रिपोर्ट बन रही है। ऐसे में नुकसान का आंकड़ा बढ़ भी सकता है।

ब्यास ने तबाह किया फोरलेन

ब्यास में आई बाढ़ ने चंडीगढ़-मनाली एनएच को पूरी तरह तबाह कर दिया है। फोरलेन के साथ लगते घर जमींदोज हो गए हैं। जिला कुल्लू ब्यास, पार्वती तथा अन्य नदी-नालों के समीप बने घर बाढ़ की जद में आ गए हैं। मणिकर्ण, कसोल, सैंज, बंजार व आनी सहित अन्य क्षेत्रों में कई घर, दुकानें बाढ़ की भेंट चढ़ गए।

तटीकरण से नहीं होता नुकसान

ब्यास नदी पर पलचान से लेकर औट तक तटीकरण की बात एक-डेढ़ दशक से की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई सरकार इस योजना को धरातल पर नहीं उतार पाई है। अब वर्तमान सरकार भी पलचान से औट तक तटीकरण की बात तो कर रही है, लेकिन योजना धरातल पर उतरती है कि नहीं, यह भविष्य बताएगा। जिन लोगों को रहने के लिए कोई विकल्प नहीं बचा हैए उन्हें राशन की किट भी प्रदान की गई हैं।

फोरलेन को यहां-यहां नुकसान

बरसात में बजौरा से रामशिला तक कई जगह फोरलेन ध्वस्त हो गया है। मनाली रामशिला से मनाली तक तो हाल और भी दयनीय रही। वहीं, फोरलेन के साथ लगते घर भी जद में आए। 90 डिग्री में फोरलेन के लिए हुई कटिंग कारण माना जा रहा है। वहीं, फोरलेन में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में और ज्यादा नुकसान हुए। बड़ाभुईन, देवधार, कलाथ और आलू ग्राउंड मनाली में काफी नुकसान हुआ है।

पर्यटन नगरी मनाली में तबाही

पर्यटन नगरी मनाली के आलूग्राउंड के पास भी तबाही हुई है। फोरलेन सहित पर्यटन नगरी मनाली में घरों को नुकसान हुआ है। कई होटल तबाह हो गए, हजारों गाडिय़ां ब्यास में बह गईं। सडक़ें टूटने से मनाली में पर्यटन कारोबार को नुकसान हुआ है।

आनी में कई घर हुए जमींदोज

बरसात ने आनी में भी कई परिवारों को बेघर कर डाला। यहां पर हाल ही में हुए भूस्खलन के कारण नौ मकान एक साथ जमींदोज हो गए। इसके अलावा 23 घरों को खतरा बना हुआ है। यहां भारी नुकसान हुआ है।

साढ़े नौ करोड़ की राहत

उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग का कहना है कि अब तक जिला कुल्लू में बाढ़ प्रभावितों को साढ़े नौ करोड़ की राहत राशि दी गई है। राहत सामग्री देने का कार्य जारी है।

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