शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

भोजपुरी लोक कलाकार बिजली रानी का निधन, किडनी फेलियर से हुईं अंतिम सांस तक लड़ाई

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Bihar News: भोजपुरी लोक संगीत की मशहूर नृत्यांगना और गायिका बिजली रानी का निधन हो गया है। वह 65 वर्ष की आयु में शुक्रवार शाम सासाराम में अंतिम सांस लीं। वह लंबे समय से गुर्दे की गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं। उनका इलाज सासाराम सदर अस्पताल में चल रहा था। उनके निधन से पूरा भोजपुरी संगीत जगत शोक में डूब गया है।

बिजली रानी के इलाज में भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। उन्होंने कुछ महीने पहले बिजली रानी को लखनऊ बुलवाकर बेहतर इलाज की व्यवस्था की थी। पवन सिंह बिजली रानी को प्यार से चाची कहकर बुलाते थे। बिहार सरकार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी इलाज में मदद का आश्वासन दिया था।

80-90 के दशक में मचाई थी धूम

बिजली रानी ने 80 और 90 के दशक में भोजपुरी मंचों पर अपनी छाप छोड़ी थी। उनकी खनकती आवाज और चमकदार अदाएं दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती थीं। भोजपुर, शाहाबाद और मगध क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं था। शादी समारोहों और स्टेज शो में उनकी उपस्थिति कार्यक्रम की सफलता का प्रमाण मानी जाती थी।

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उनके प्रदर्शन इतने लोकप्रिय थे कि बड़े घराने ही उन्हें बुक कर पाते थे। लोग कहा करते थे कि जहां बिजली रानी होती थीं, वहां महफिल में रोशनी होती थी। उन्होंने भोजपुरी लोक संगीत को नई पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वह सिर्फ कलाकार नहीं बल्कि मंच की मालकिन थीं।

भोजपुरी फिल्मों में छोड़ी छाप

बिजली रानी ने कई भोजपुरी फिल्मों और संगीत वीडियो में भी काम किया। उनकी कला में लोक संगीत और आधुनिकता का अनूठा संगम देखने को मिलता था। उनकी गायकी सीधे श्रोताओं के दिल में उतर जाती थी। उन्होंने भोजपुरी संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

उनकी कला ने कई युवा कलाकारों को प्रेरित किया। वह भोजपुरी संस्कृति की जीवंत प्रतिनिधि थीं। उनके गाए गीत आज भी लोकप्रिय हैं। उन्होंने लोक संगीत की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने का काम किया। उनका योगदान भोजपुरी संगीत के इतिहास में सदैव याद रखा जाएगा।

अंतिम समय तक जारी रहा संघर्ष

बीमारी के कारण बिजली रानी के जीवन के अंतिम वर्ष काफी कठिनाइयों भरे रहे। मगर उनकी आंखों में मंच के प्रति वही जुनून और प्रेम बना रहा। वह हमेशा अपने दर्शकों के लिए प्रदर्शन करने को तत्पर रहती थीं। उनकी लगन और समर्पण ने उन्हें भोजपुरी संगीत की अमर विभूति बना दिया।

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शनिवार को उनके गृहनगर नटवर गांव में उनकी अंतिम यात्रा निकली। पूरा इलाका उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए एकत्र हुआ। उनकी बेटी रेखा रानी अंतिम समय तक उनके साथ रहीं। भोजपुरी संगीत प्रेमियों ने उनके निधन को एक युग का अंत बताया है।

संगीत जगत में छोड़ गई विरासत

बिजली रानी ने भोजपुरी लोक संगीत को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी कला ने कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है। वह न सिर्फ एक कलाकार बल्कि संस्कृति की संवाहक थीं। उनके गाए गीत और नृत्य आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।

उनके निधन से भोजपुरी संगीत जगत को गहरा आघात लगा है। कलाकारों और प्रशंसकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। बिजली रानी की कला और योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। वह भोजपुरी संस्कृति की अमर धरोहर के रूप में सदैव जीवित रहेंगी।

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