India News: केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने ओला और उबर के एकाधिकार को तोड़ने के लिए ‘भारत टैक्सी’ लॉन्च करने की तैयारी शुरू की। यह सहकारी आधार पर देश की पहली ऐप-आधारित टैक्सी सेवा होगी। पहले चरण में महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में सेवा शुरू होगी। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दिसंबर 2025 से पहले इसे शुरू करने की घोषणा की। यह योजना चालकों के शोषण को रोकेगी और यात्रियों को किफायती सेवा देगी।
सहकारी संगठनों की भागीदारी
आठ सहकारी संगठनों ने मिलकर बहु-राज्यीय सहकारी टैक्सी संगठन बनाया। इसमें एनसीडीसी, इफको, गुजरात सहकारी दुग्ध विकास संस्थान शामिल हैं। संगठन ने 300 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई। भारतीय किसान सहकारी समिति, नाबार्ड और एनडीडीबी भी शेयरधारक हैं। सरकार की इसमें कोई प्रत्यक्ष भागीदारी नहीं है। यह संगठन चालकों को बेहतर आय और यात्रियों को सस्ती सेवा देगा।
पहले चरण में चार राज्यों में सेवा
‘भारत टैक्सी’ पहले चरण में महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में शुरू होगी। 200 टैक्सी चालकों का पंजीकरण हो चुका है। सेवाएं पूरे देश में क्रमिक रूप से विस्तार करेंगी। सहकारी मॉडल पर आधारित यह सेवा चालकों के हितों की रक्षा करेगी। यात्रियों को किफायती और विश्वसनीय टैक्सी सेवा मिलेगी। योजना का लक्ष्य टैक्सी उद्योग में नया मानक स्थापित करना है।
ऐप और तकनीकी तैयारी
ऐप डेवलपमेंट के लिए निविदाएं मंगवाई गई हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट को योजना की रूपरेखा तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया। यह ऐप उपयोगकर्ताओं के लिए आसान और आधुनिक होगा। सहकारी मॉडल के तहत चालकों को उचित लाभ मिलेगा। तकनीकी भागीदारी से सेवा को विश्वसनीय बनाया जाएगा। यह कदम टैक्सी उद्योग में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा देगा।
चालकों के शोषण पर रोक
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के सूत्रों ने बताया कि ओला और उबर जैसी कंपनियां चालकों का शोषण करती हैं। ‘भारत टैक्सी’ इस शोषण को रोकेगी। सहकारी मॉडल चालकों को बेहतर आय देगा। यात्रियों को सस्ती और सुरक्षित सेवा मिलेगी। यह योजना सहकारिता के सिद्धांतों पर आधारित है। इसका लक्ष्य टैक्सी उद्योग में पारदर्शिता और समानता लाना है।
भविष्य की योजनाएं
‘भारत टैक्सी’ पूरे देश में सेवाएं विस्तार करेगी। पहले चरण के बाद अन्य राज्यों में भी सेवा शुरू होगी। सहकारी संगठन चालकों को प्रशिक्षण और सहायता देंगे। ऐप-आधारित सेवा यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी। यह योजना स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देगी। सहकारी मॉडल से टैक्सी उद्योग में क्रांति आएगी। यह कदम भारत के सहकारी आंदोलन को मजबूत करेगा।
