33.1 C
Delhi
बुधवार, 27 सितम्बर,2023

साइबर ठगों के नए ऑनलाइन फर्जीवाड़े से सावधान, ई-चालान मैसेज आपका अकाउंट कर सकता है साफ

- विज्ञापन -

Himachal Pradesh News: देश भर के साथ-साथ अब हिमाचल प्रदेश में भी शातिरों के ऑनलाइन फर्जीवाड़े के नए खेल का पता चला है. आज साइबर ठगों (Cyber Crime) से बचना हर आमोख़ास के लिए चुनौती बन गया है. शातिर नए-नए तौर तरीकों से लोगों को झांसे में लेकर बैंक (Bank Account) खाते खाली कर रहे हैं.

अभी तक बकाया बिजली बिल, बैंक अकाउंट में केवाईसी और आधार कार्ड अपडेट करने, सेक्स एक्सटॉर्सन समेत अन्य तरीकों से झांसा देकर ठगी कर रहे थे. अब एक और नयाब तरीका निकालते हुए लोगों को वाहन चालान के नाम पर मैसेज भेजकर धोखाधड़ी की जाने लगी है. इसलिये क्योंकि वाहन चालान को लोग गंभीरता से लेते हैं और तत्परता से भुगतान की कोशिश भी करते हैं.

- विज्ञापन -

ऐसे में साइबर ठगों ने अब इस प्रणाली के तहत लोगों को पुलिस चालान (E Challan) की सरकारी बेवसाइट का हू-ब-हू लिंक भेजकर अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया है. ई-चालान की फर्जी बेवसाइट के जरिये पूरी ठगी हो रही है. हालांकि, देवभूमि हिमाचल में अभी तक ऐसा कोई वाक्या सामने नहीं आया है. बावजूद इसके बाहरी राज्यों और निकटवर्ती राज्यों की सीमाओं में मोबाइन नंबर या ऐप से ये मेसेज कई लोगों को भेजे जा रहे हैं. साथ ही एक लिंक भी दिया जाता है. इसके बाद लिंक पर भुगतान करने को कहा जाता है. जैसे ही कोई व्यक्ति लिंक पर आगे बढ़ता है या दिए गए नंबर पर संपर्क करता है तो ठग उसे झांसे में ले लेते हैं.

हिमाचल प्रदेश की जिला कांगड़ा पुलिस की ओर से इस ठगी को भांपते हुए अभी से अपने लोगों को आगाह करना शुरू कर दिया है. कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्रिहोत्री ने कहा कि इस तरह घटनाएं हमारे पड़ोसी राज्यों में आनी आम हो चुकी हैं. सरकारी वैवसाइट का हू-ब-हू लिंक भेजकर अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया है.

हालांकि, अभी यहां इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है, मगर इसका अर्थ ये नहीं कि निकट भविष्य में लोगों के साथ ऐसा नहीं हो सकता है. इसलिए उन्हें आज से ही इस बाबत जानकारी होनी चाहिए कि इस तरह के फ्रॉड से कैसे बचा जाए.

एसपी ने बताया कि अगर किसी को भी इस तरह से ऑनलाइन चालान आए और उसे बेवसाइट के माध्यम से जमा करवाने को लेकर कहें तो तुरंत अपने नजदीक के पुलिस स्टेशन में संपर्क कर लें. साथ ही इस तरह का मैसेज मिलने पर तुरंत शिकायत भी दर्ज करवाएं और टोल फ्री साईबर हेल्पलाइन नंबर 1930 में भी शिकायत दर्ज करें, ताकि इस तरह के साइबर ठगों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.

अपना नंबर हर कहीं शेयर ना करें

काबिलेगौर है कि साइबर जालसाजों का खेल इतना शातिराना हो गया है कि इससे बच पाना बेहद पेचिदगी भरा काम हो गया है. ये सब पूरी तैयारी के साथ किया जा रहा है, जिसमें शातिर आपके वाहन नंबर, सोसायटी ऐप या सीक्रेट जानकारी बताकर विश्वास में ले लेते हैं. इसी तरह के मैसेज उन सोसायटियों के निवासियों को भी मिल रहे हैं, जिनमें ऐप से एंट्री और एग्जिट है. मैसेज में बताया जाता है कि चालान का स्टेट्स भी एंट्री और एग्जिट के लिए बने ऐप पर चेक किया जा सकता है. यह इसलिए होता है, ताकि पढऩे वाला जल्द विश्वास कर ले. ऐसे में पुलिस ने लोगों को एडवाइजरी जारी की है कि इस तरह के किसी भी मैसेज आने पर जागरूक रहें और लिंक पर क्लिक करने की बजाय संबंधित पुलिस थाना में शिकायत दें.

- विज्ञापन -

आपकी राय:

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

ताजा समाचार

- विज्ञापन -

लोकप्रिय समाचार